NEET PG में आरक्षण केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, SG ने की काउंसलिंग की मांग

नीट पीजी में आरक्षण

आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट में आज मेडिकल पीजी कोर्स दाखिले के लिए नीट पीजी 2021 में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। जानकारी के मुताबिक केस में कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद ही नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग शुरू की जा सकेगी।

एसजी तुषार मेहता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद केंद्र ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण के लिए आठ लाख की अधिकतम आय सीमा को जांचने के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया। उसके बाद हलफनामा दायर किया।

केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे पर सभी पक्षों के तर्क-वितर्क के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार छह जनवरी, 2022 तक के लिए टाल दी है। पीठ ने कहा कि हमारे पास कल 15 नए मामले हैं तो हम उन सभी में 30 से 45 मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगेगा, के खत्म होने के बाद सुनवाई शुरू कर सकते हैं।

वकील श्याम दीवान ने कहा कि हमने ईडब्ल्यूएस के साथ ओबीसी आरक्षण का भी विरोध किया है। इसपर एसजी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ऐसी स्थिति स्वीकार नहीं कर सकती है जहां ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को उनका वाजिब हक न मिले। कॉउंसलिंग रुकी हुई है। हमे डॉक्टरों की जरूरत है। अभी लंबी बहस का मौका नहीं है। हमने आय सीमा पर पुर्नविचार कर रिपोर्ट सौंपी है। कोर्ट फिलहाल कॉउंसलिंग की इजाजत दे दे। साथ ही कहा कि रेजिडेंट परेशान है। कॉउंसलिंग न होने की वजह से। ये ऐसी स्थिति है जो अनपेक्षित है।

यह भी पढ़ें- जल्द जारी होगा NEET यूजी 2021 का परिणाम, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकीलो को तुषार मेहता की काउंसिलिंग शुरू करने के आग्रह पर अपनी बात रखने को कहा है। वकील श्याम दीवान  ईडब्ल्यूएस के साथ 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के खिलाफ भी अपनी दलील रखा।

दीवान ने दलील रखते हुए कहा कि याचिका में नीट पीजी छात्रों की तत्काल आवश्यकता का हवाला दिया गया था, जहां केंद्र ने 27 प्रतिशत ओबीसी और दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस को अखिल भारतीय कोटा में लागू करने का फैसला किया था, जिसमें एससी और एसटी क्रमशः 15 और 7.5 प्रतिशत थे। दीवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अखिल भारतीय कोटा लागू किया गया था। इसमें कुल यूजी सीटों का 15 प्रतिशत और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल यूजी सीटों का 50 प्रतिशत शामिल है।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र का फैसला, इस साल पुराने पैटर्न पर ही आयोजित होगी NEET SS