आरयू वेब टीम। अब तक सैकड़ों जानें ले चुकी मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने राहत और पुनर्वास के काम की देखरेख के लिए हाई कोर्ट के तीन पूर्व जजों की कमेटी बनाई है। साथ ही सीबीआइ जांच की निगरानी के लिए एक पूर्व अधिकारी नियुक्त किया है। सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश दिया कि सीबीआइ जांच की निगरानी मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर दत्तात्रेय पटसालगिकर करेंगे।
वहीं इस कमेटी में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से रिटायर जस्टिस गीता मित्तल, जस्टिस आशा मेनन और जस्टिस शालिनी पनसाकर जोशी को शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित यह कमेटी सीबीआई और पुलिस जांच से अलग मामलों को देखेगी। कमेटी महिलाओं से जुड़े अपराधों और अन्य मानवीय मामलों और सुविधाओं की निगरानी करेगी। इसके अलावा सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक पूर्व अधिकारी को नियुक्त किया गया है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम जमीनी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी शांति बहाली चाहते हैं। कोई भी छोटी चूक बहुत गहरा असर डाल सकती है। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित छह जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शामिल करते हुए एसआइटी गठित की जाएंगी।
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अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन एसआइटी की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे। यह एसआईटी हिंसा की जांच करेगी। महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के अधिकारियों वाली एसआइटी गठित की जाएगी। डीआईजी और डीजीपी स्तर के पुलिस अधिकारी इन एसआइटी के कामकाज की निगरानी करेंगे।