आरयू वेब टीम। बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व जाने-माने आर्य समाज के नेता स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया है। शुक्रवार को उन्होंने नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में अंतिम सांस ली।
स्वामी अग्निवेश लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। मल्टीपल फेल्योर के कारण मंगलवार से वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी थे।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार 11 सितंबर को उनकी हालत बिगड़ गई और शाम लगभग छह बजे कार्डियक अरेस्ट भी आया। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिश की, मगर शाम करीब साढ़े छह बजे उनकी सांसें थम गयीं।
वहीं स्वामी अग्निवेश के निधन पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडु, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम हस्तियों व आम लोगों ने शोक जताया है।
बंधुआ मजदूरी के विरुद्ध आजीवन किया संघर्ष: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज के नेता स्वामी अग्निवेश जी के निधन का समाचार पा कर दुखी हूं। बंधुआ मजदूरी के विरुद्ध उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
राहुल ने बताया देश की क्षति
वहीं राहुल गांधी ने उनके निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा है कि बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता स्वामी अग्निवेश जी का आज निधन हो गया। स्वामी जी का निधन आर्य समाज सहित पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
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अक्सर चर्चा में रहने वाले और समाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने वाले स्वामी अग्निवेश ने 1970 में अग्निवेश ने आर्य सभा नाम की राजनीति पार्टी बनाई थी। 1977 में वह हरियाणा विधासनभा में विधायक चुने गए और हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे। 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापनी की। स्वामी अग्निवेश ने 2011 में अन्ना हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। हालांकि, बाद में मतभेदों के चलते वह इस आंदोलन से दूर हो गए थे।