आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या से जुड़े वैवाहिक मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दिया है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।
संघमित्रा मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य पर कथित रूप से अपनी बेटी संघमित्रा की बिना तलाक दूसरी शादी कराने, मारपीट व गाली-गलौज के साथ जान से मारने की धमकी व साजिश रचने का आरोप है। इस मामले में पीड़ित दीपक कुमार स्वर्णकार का कहना है कि तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा से उसने घर पर शादी की थी।
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आरोप यह भी है कि दीपक कुमार स्वर्णकार और संघमित्रा दोनों 2016 से लिव-इन-रिलेशन में रह रहे थे। संघमित्रा ने 2019 के चुनाव में शपथपत्र देकर खुद को अविवाहित बताया, जबकि बाद में वादी को पता चला कि संघमित्रा का मई 2021 में तलाक हुआ था।
बता दें कि संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या सहित पांच लोगों के खिलाफ दीपक कुमार स्वर्णकार ने मामला दर्ज कराया था। दीपक कुमार स्वर्णकार की मानें तो संघमित्रा मौर्य से उनकी शादी हुई है जिसे वो नकार रही हैं।