आरयू वेब टीम। बलात्कारियों को छह महीने में फांसी की सजा की मांग को लेकर पिछले 13 दिनों से राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की तबीयत बिगड़ गई है। रविवार की सुबह वो बेहोश हो गई, जिसके बाद स्वाति मालीवाल को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टर्स ने ग्लूकोज़ चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन, स्वाति ने इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें अब आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मालीवाल सुबह करीब सात बजे बेहोश हुयीं। अनशन के 12वें दिन शनिवार को मालीवाल के स्वास्थ्य में निरंतर आती गिरावट को देख डाक्टरों ने उन्हें तुरंत अनशन समाप्त करने की सलाह दी थी।
हालांकि स्वाति की जान को खतरा देख रविवार दोपहर डॉक्टरों ने उनका 13वें दिन जबरन अनशन खत्म कराया। आइसीयू में भर्ती स्वाति को जबरन ग्लूकोज चढ़ाया गया है। उम्मीद है कि एक से दो दिन में उनकी हालत में अब सुधार हो जाएगा।
फेल हो सकती है कीडनी
आज सुबह डाक्टरों के मुताबिक मालीवाल का यूरिक एसिड खतरनाक स्तर में पहुंच गया है। उनका रक्तचाप और शुगर का स्तर भी सामान्य से काफी कम हो गया है। जांच के बाद डाक्टरों ने उन्हें अनशन तुरंत खत्म करने की सलाह दी। मालीवाल का यूरिक एसिड का स्तर 10.1 है जो सामान्य से काफी अधिक है। यह काफी खतरनाक स्तर है और इससे कीडनी फेल हो सकती है। वहीं शनिवार शाम को उनकी हालत बिगड़ गई थी तो डॉक्टरों और पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया था।
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कल ही प्रधानमंत्री मोदी से देशभर में ‘दिशा विधेयक’ लागू करने कि की थी मांग
इससे पहले डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे देश में ‘दिशा विधेयक’ तत्काल लागू करने की मांग की थी। आंध्र प्रदेश सरकार ने इस विधेयक को लागू किया है। इसमें महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों को 21 दिन के भीतर निस्तारित करने और मौत की सजा का प्रावधान है।
इस अवसर पर मालीवाल ने बलात्कारियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने संबंधी ‘दिशा विधेयक’ को आंध्र प्रदेश विधानसभा से पारित करने के लिए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को शनिवार को पत्र लिखकर बधाई भी दी। उन्होंने कहा,“एक ओर आंध्र प्रदेश सरकार की यह पहल सराहनीय है वहीं इसके विपरीत केंद्र सरकार की चुप्पी दुखदायक है।”
बता दें कि स्वाति मालीवाल बलात्कारियों को फांसी की सजा की मांग को लेकर 13 दिनों से भूख हड़ताल पर थीं। उन्होंने कहा कि दिशा विधेयक के पूरे देश में लागू होने तक वह अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगी। इससे पहले शुक्रवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा ने इस विधेयक को पारित किया। प्रस्तावित नये कानून को उस पशुचिकित्सक को श्रद्धांजलि के तौर पर ‘आंध्र प्रदेश दिशा एक्ट क्रिमिनल लॉ (आंध्र प्रदेश अमेंडमेंट) एक्ट, 2019 नाम दिया गया है जिसकी हाल में तेलंगाना में गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी।