आरयू वेब टीम।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्र सरकार पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निशाना साधा। पटना में ‘अविरल गंगा-निर्मल गंगा पर आयोजित’ एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि ‘नमामी गंगा’ योजना में गंगा की निर्मलता की चर्चा तो है, परंतु अविरलता की नहीं।
प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गंगा का नाम लेने वाले को बनारस के लोग खोज रहे हैं। बनारस में गंगा पूछ रही है कि आखिर कहां गया उसका बेटा। काशी की जनता मोदी के अच्छे दिनों की बाट जो रही है।
गंगा के पानी के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि बचपन में घर में दाल पकाना के लिये उन्होंने खूब गंगा का पानी ढ़ोया है। तब बख्तियारपुर के कुओं का पानी खरा था। दाल बनाने के लिये उन्हें घर से गंगा का पानी ढो कर लाने के लिये बाल्टी थमा दिया जाता था।
नीतीश ने कहा कि जिस डॉल्फिन को नेशनल जल पशु घोषित कराने के लिये उन्होंने लंबी लड़ाई लड़कर सफलता पाई आज वह लुप्त हो रही है। गंगा की निर्मलता और अविरलता कम होने से डॉल्फिन लुप्त होती जा रही हैं।
ऋषिकेश का गंगा जल कभी घरों में रखा जाता था। वर्षों तक उसमें कोई कीड़ा या गाद नहीं पड़ता था। परंतु आज वह स्थिति नहीं है। उस दौर में गंगा के पानी में विषाणु स्वत: नष्ट हो जाते थे। ऐसे ही नहीं लोग गंगा को ‘गंगा जी’ कहते हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश की बात तो दूर, पटना के गंगा का पानी भी अब स्वच्छ नहीं रहा।