आरयू ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि देश के सभी सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स में राष्ट्रगान बजाना होगा। फिल्म के पहले शुरू होने वाले राष्ट्रगान के प्रति वहां मौजूद सभी लोगों को सम्मान दिखाना अनिवार्य होगा। इस दौरान सभी लोग खड़े होंगे।
राष्ट्रगान के दौरान पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज भी दिखाना होगा। देश की सर्वोच्च न्यायलय ने आज एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह बातें कही। याची ने देश के सभी सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने की मांग की थी।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान का किसी भी तरह से नाट्य रूपांतरण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रगान को लेकर किसी को भी व्यवसायिक फायदा न लेने दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि सप्ताह भर के अंदर इस आदेश को लागू कराने के साथ ही देश के अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को इसकी आवश्यक जानकारी दें।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि राष्ट्रगान को किसी अवांछनीय वस्तु पर दर्शाया नहीं जाए। यह फैसला श्याम नारायण चौकसे की ओर से दायर जनहित याचिका पर लिया गया है।
इन राज्यों में पहले से लागू हैं यह नियम
महाराष्ट्र के लगभग सभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल में फिल्मों के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाता हैं। इस दौरान वहां मौजूद लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े होते हैं।
इसी तरह से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सिनेमा हॉल में भी राष्ट्रगान बजाए जाता है। हालांकि अभी देश के किसी राज्य में यह व्यवस्था सौ प्रतिशत लागू नहीं है।