आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में शनिवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला बिल्डिंग के एकाएक ढहने से सात लोगों की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 28 लोग घायल हुए हैं। अस्पताल में भर्ती घायलों में भी कुछ की हालत नाजुक बनी है।
हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों में कोहराम मचा है। साथ ही लोग मलबे में अन्य घायलों के भी दबे होने की रात तक आशंका जता रहे थें। जिसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन के साथ राहत व बचाव कार्य में मौके पर देर रात तक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी युद्ध स्तर पर जुटी थीं। देर रात मलबे से एक और शव मिलने से हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गयी थीं।
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दूसरी ओर रात तक इस बात का पता नहीं चल सका था कि करीब एक दशक पहले बनी बिल्डिंग किस वजह से अचानक जमीदोज हो गयी। आसपास के लोगों के अलावा अफसर भी तरह-तरह के आंकलन लगा रहे थें। कोई घटिया निर्माण को वजह बता रहा था, किसी को अंदेशा था कि हादसे के समय बिल्डिंग में खड़े कंटेनर के धक्का लगने के चलते बिल्डिंग गिरी होगी। हालांकि जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने जांच के बाद ही बिल्डिंग गिरने की वजह साफ होने की बात कही है।
बताया जा रहा है कि साल 2010 अगस्त में एलडीए से नक्शा पास कराने के बाद समर विहार कॉलोनी (आलमबाग) निवासी कुमकुम सिंघल ने ट्रांसपोर्ट नगर के प्लॉट नंबर सी-54 पर तीन मंजिला हरमिलाप कांप्लेक्स बनवाया था। लगभग 12 हजार वर्ग फिट में बनें इस कांप्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर मोबिल, प्रथम तल दवा व सेकेंड फ्लोर पर गिफ्ट आइटम की पैकिंग व बिक्री का काम होता था।
आज शाम करीब साढ़े चार बजे बारिश के दौरान कांप्लेक्स के लगभग अंदर खड़े कंटेनर से दवा के डिब्बे करीब दर्जनभर मजदूर अनलोड कर रहे थें, जबकि प्रथम व दूसरे तल पर भी कर्मी पैकिंग व अन्य काम कर रहे थें। इसी बीच बिल्डिंग इतनी तेज से बैठ गयी कि अंदर के लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। बिल्डिंग के जमीदोज होते ही मौके पर चीख-पुकार मच गयी।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन के तमाम आलाधिकारियों के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व फायर ब्रिगेड की टीम ने राहत व बचाव कार्य शुरू करते हुए घायलों को निकालकर एंबुलेंस से लोकबंधु अस्पताल, ट्रामा सेंटर, अपोलो अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में पहुंचने व उपचार के दौरान देर रात तक छह घायलों की मौत हो चुकी थीं, जबकि 28 घायलों का उपचार किया जा रहा है।
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वहीं हादसे पर अफसोस जताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और एडीजी ला एंड आर्डर अमिताभ यश को राहत व बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए मौके पर भेजा। इसके अलावा कमिश्नर, डीएम, एलडीए व नगर निगम समेत अन्य विभागों के अफसर रात तक मौके पर डटे रहे।
हादसे में बाल-बाल बचे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती गोंडा के दीपक कुमार ने बताया कि वह दवा कंपनी में काम करते हैं। मजदूर ट्रक से गत्ते उतार रहे थे। वह माल देखने के लिए बाहर निकले तभी अचानक इमारत का पिलर धंसने लगा। वह चीखते हुए अंदर भागे और लोगों को बाहर आने के लिए कहने लगे। लोग बाहर निकल पाते इससे पहले ही इमारत बैठ गयी।
हादसे में इनकी हुई मौत-
38 वर्षीय जसमीत साहनी पुत्र गुरमीत साहनी
40 वर्षीय पंकज तिवारी पुत्र सत्यप्रकाश तिवारी
48 वर्षीय धीरज गुप्ता पुत्र महादेव गुप्ता
27 वर्षीय राजकिशोर पुत्र श्रीकृष्ण सोनकर
28 वर्षीय अरुण सोनकर पुत्र संजय सोनकर।
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लोकबंधु अस्पताल में इन घायलों को कराया गया भर्ती-
राजेंद्र (25)
भानु सिंह (22)
शत्रुघ्न सिंह (60)
शिव मोहन (38)
प्रवीना (30)
शांति देवी (65)
आदर्श यादव (10)
काजल यादव (14)
आकाश कुमार (28)
आकाश सिंह (24)
विनोद यादव (45)
आदित्य (21)
आकाश कुमार (19)
अनूप मौर्य (40)
बहादुर (55)
ओम प्रकाश (25)
हेमंत पांडेय (37)
सुनील (28)
दीपक कुमार (28)
लक्ष्मी शंकर (25)
अतुल राजपूत (25)
नीरज (35)
व 35 वर्षीय एक अज्ञात।