आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण व अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलाकर लगातार कार्रवाई करने वाली एलडीए की टीम पर शनिवार दोपहर पुलिस की मौजूदगी में दबंगों ने हमला कर दिया है। पुलिस की लापरवाही के चलते बाजारखाला क्षेत्र के ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन से अवैध कब्जे हटाने के दौरान शनिवार को न सिर्फ दबंगों ने एलडीए की टीम पर हमला किया, बल्कि पीसीएस अफसर अरविंद त्रिपाठी से बदसलूकी करने के साथ ही उनका कॉलर भी पकड़ लिया।
धक्का-मुक्की के दौरान अभियान की अगुवाई कर रहे एलडीए के सभ्य अफसरों में शुमार नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी को गर्दन व शरीर के अन्य जगाहों पर चोटें भी आईं हैं। हालांकि इन सबके बाद भी एलडीए की टीम पीछे नहीं हटी और शाम पांच बजे तक करीब पांच सौ करोड़ रुपये की जमीन पर बनें दर्जनभर अवैध कब्जों को ध्वस्त करते हुए जमीन खाली कराने में सफलता हासिल की। वहीं मौके से पकड़े गए दो दबंगों को पुलिस बाजारखाला कोतवाली ले गयी। दूसरी ओर एलडीए की ओर से बाजारखाला कोतवाली में तहरीर दी गयी है, देर रात तक उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा था।
साल 2011 में ही खत्म हो चुका था पट्टा: इंद्रमणि त्रिपाठी
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया योजना के प्लॉट नंबर एक का पट्टा एक सितंबर 1921 से 90 साल के लिए गुरू बख्श सिंह को औद्योगिक प्रयोजन के लिए दिया था। पट्टा अवधि साल 2011 में ही खत्म हो चुकी थी। वर्तमान में कुछ लोग इस जमीन के अलग-अलग हिस्से पर अवैध कब्जा कर व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे थे। जिसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिये गये थे।
अवैध लॉन मालिक व उसके परिजनों ने किया हमला
वीसी के अनुसार इसी के अनुपालन में आज नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम अवैध कब्जों को हटाने पहुंची थी। इस दौरान जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाये गये पंजाब लॉन के मालिक मुकेश शुक्ला व उसके परिजनों और सहयोगियों ने प्राधिकरण की टीम पर हमला करते हुए कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास किया था, लेकिन भारी विरोध के बीच एलडीए दस्ते ने कार्रवाई जारी रखी और पंजाब लॉन समेत कार वर्कशॉप, पेंट कंपनी, गोदाम व फैक्ट्री समेत सभी अवैध निर्माणों को पूरी तरह ध्वस्त कर जमीन को खाली करा लिया।
इंजीनियर-कर्मियों ने वसूली कर बनवा दिया था लॉन, उनपर भी हो कार्रवाई!
दूसरी ओर ऐशबाग के क्षेत्रिय लोग एलडीए की टीम पर हुए हमला को गलत बता रहे थे। हालांकि उनका यह भी दावा था कि पूर्व में तैनात एलडीए के ही इंजीनियर, अधिकारी व कर्मचारी की शह वा पंजाब लॉन समेत अन्य अवैध निर्माणों को बनवाया गया था। लोगों का कहना था कि जिस तरह से आज अधिकारी व प्रवर्तन के इंजीनियर आए थे, ऐसे ही वह पहले भी आ सकते थे उन्हें किसने रोका था, लेकिन महीनों व सालों अवैध निर्माण होता रहा और इसे रोकने की जगह जिम्मेदार सिर्फ वसूली कर अपनी जेबें भर आंख बंद किए बैठे रहें। लोगों की यह मांग भी थी कि अवैध निर्माणकर्ता के साथ ही एलडीए की कुर्सी पर जमे इसे संरक्षण देने वाले इंजीनियर व कर्मियों पर भी एलडीए वीसी को कार्रवाई करनी चाहिए, तभी अवैध निर्माण की ठेकेदारी पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
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वहीं अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि ऐशबाग स्थित चित्ताखेड़ा के प्लॉट नंबर 3/2 व 3/3 का पट्टा भी निरस्त किया जा चुका था और इसपर भी कुछ लोग अवैध कब्जे किए थे। आज कार्रवाई के दौरान इन प्लॉट को भी खाली करा एलडीए ने अपने कब्जे में ले लिया है।
नजूल अधिकारी ने बताया खाली कराये गये प्लॉट का क्षेत्रफल 20 हजार वर्गमीटर है, जिसकी वर्तमान कीमत करीब 500 करोड़ रूपये है। इसके साथ ही प्राधिकरण की टीम पर हमला कर कार्रवाई में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ एफआइआर करायी जा रही है।