आरयू इंटरनेशनल डेस्क। ग्लोबल आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद को घरवालों के खर्चे और परिवार चलाने के लिए पैसे की तंगी हो गई है। जिसके बाद पाकिस्तान की गुहार के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से उसे रियायत दी गई है। दरअसल, पाकिस्तान ने हाफिज सईद को राहत दिलाने के लिए अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को चिट्ठी लिखी थी।
जिसमें पाक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील करते हुए कहा था कि हाफिज पर अपने चार सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। ऐसे में बैंक खातों पर लगी रोक से कुछ राहत देते हुए उसे हर माह डेढ़ लाख रुपए निकालने की इजाजत दे दी जाए। इस पर 15 अगस्त तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं होते देख संयुक्त राष्ट्र ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए इस बात की अनुमति दे दी।
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हाफिज सईद के साथ हाजी मोहम्मद अशरफ और जफर इकबाल को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित खातों से हर माह एक निश्चित रकम निकालने की अनुमति मिल गई है। पाकिस्तान के इस कदम से एक बार फिर इस्लामाबाद और जेहादियों के आतंरिक संबंध सामने आए हैं। दूसरे, इससे भारत के उस आरोप की पुष्टि ही हुई है कि हाफिज सईद पाकिस्तान सेना और हुक्मरानों में गहरी पैठ रखता है।
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वहीं तीसरा बड़ा कारण यह है कि पाकिस्तान ने यह अपील कर वैश्विक बिरादरी की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। इस पहल से पाकिस्तान ने हाफिज सईद के बचाव में अपने उस कुतर्क को मजबूती देने का प्रयास किया है, जिसमें वह कहता आया है कि हाफिज सईद आतंकी नहीं, बल्कि कॉलेज का एक प्रोफेसर है।