आरयू ब्यूरो
लखनऊ। केंद्रिय वृत्त मंत्री अरूण जेटली ने आज भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि सपा शासन व राजनैतिक क्षेत्र के सभी मोर्चों पर नाकाम साबित हुई। राज्य में अराजकता की स्थिति है। अखिलेश राज कुशासन, भ्रष्टाचार, हत्या, लूट, रेप प्रदेश की पहचान बन गया है।
भाजपा शासित राज्यों में सुशासन, विकास और भयमुक्त वातावरण की गंगा बह रही है। यूपी की जनता भाजपा को वोट देकर अपराध व भ्रष्टाचार के शासन को उखाड़ फेंके। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार ने केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं किया।
मोदी सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 3.96 करोड़ रुपए आवंटित किए और 10 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनवाए, लेकिन अखिलेश यादव की सपा सरकार केवल कुछ किलोमीटर के अधूरे एक्सप्रेस हाइवे पर वोट मांग रही है।
पहले चरण में भाजपा की लड़ाई बसपा से थी
श्री जेटली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की लहर चल रही है। हाल ही देश के कई हिस्सों में हुए चुनावों में भाजपा को मिली जीत यह संकेत करती है कि यहां भी भाजपा सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में भाजपा की लड़ाई बसपा से थी। अगले चरणों के चुनावों में भी भाजपा ही मुख्य लड़ाई में है।
मजबूरी में बना गठबंधन
वित्त मंत्री ने कहा कि सपा व कांग्रेस ने मजबूरी में गठबंधन किया। आगे बोले कि समाजवादी आंदोलन के अगुवा डा. राम मनोहर लोहिया ने नारा दिया था कि कांग्रेस हटाओ, देश बचाओ। लोहिया जी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण सहित समाजवादी आंदोलन की शुरूआत के अग्रणी नेता कांग्रेस को देश के लिए खतरनाक और नुकसानदायक बताते हुए सदा कांग्रेस को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ने की अपील करते रहे, लेकिन राजनैतिक पतन के कारण इन्हीं की विरासत का दावा करने वाली सपा उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए मजबूर हो गई।
प्रदेश के विकास से जुड़ा है देश का विकास
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का विकास देश के विकास से जुड़ा है। यहां भाजपा की सरकार इसलिए भी जरूरी है, कि प्रदेश के विकास के साथ देश को तरक्की के पथ पर आगे ले जाया जा सके। बड़े उद्योगपतियों के एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफी के आरोप को बेबुनियाब बताते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान 2007 से 2009 के बीच में ये बड़े लोन दिए गए थे और इन्हीं का ब्याज बढ़कर बैंकों का गैर उत्पादक संपत्ति बढ़ी है।
मोदी सरकार ने 26 मई, 2014 को सत्ता में आने के बाद किसी भी बड़े उद्योगपति का एक रूपया का लोन भी माफ नहीं किया है। दस साल तक सरकार में रहने के बावजूद कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास सामान्य जानकारी का अभाव है।