आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी बोर्ड की दसवीं-बारवीं की परीक्षाओं को लेकर शनिवार को उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने आदेश जारी कर दिया है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं। वहीं परिस्थितियां अनुकूल होने पर कक्षा 12वीं की यूपी बोर्ड परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह में सकती है, जबकि कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा अवधि को डेढ़ घंटा रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में ये फैसले हुए हैं, जिसके बाद डिप्टी सीएम ने आदेश जारी किए हैं।
मीडिया को जानकारी देते दिनेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित में कार्य कर रहा है। यूपी देश का प्रथम राज्य है, जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही करोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत, पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई-विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाए गए तथा पठन-पाठन की नियमित अनुश्रवण व्यवस्था बनाई गई है।
परीक्षाओं में किया जाएगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वहीं उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कक्षा 12वीं की परीक्षा के महत्व तथा छात्रों के भविष्य पर इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकों की भूमिका के दृष्टिगत, सभी सावधानियों को बरतते हुए तथा कोविड-19 महामारी से बचाव के सभी नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनुकूल परिस्थितियों के रहते हुए वर्ष 2021 की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट की परीक्षा को जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कराना प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित है। इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र ही साझा की जाएगा।
दस में से तीन प्रश्नों के देने होंगे उत्तर
पूर्व के भांति इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में परीक्षा संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र में दिए गए दस प्रश्नो में किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी। बच्चों के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है।
छात्रों को अगली कक्षा में दी जाएगी प्रोन्नति
दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा छह, सात, आठ के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा छह, सात, आठ के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए।
इन कक्षाओं के छात्रों को वार्षिक परीक्षाफल के आधार…
कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक संपादित नहीं हो पाई है तो वह छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए। यदि बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा छह, सात, आठ, नौ एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों पर लागू होगी।