लखनऊ-वाराणसी सहित यूपी के अन्‍य शहरों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कर अदा की गयी ईद-उल-अजहा की नमाज

ईद उल अजहा की नमाज

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी में लगातार दूसरे साल कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्‍योहार मनाया गया। शिया-सुन्नी उलेमा ने मुसलमानों से सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बकरीद का त्योहार मनाने की अपील कर दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी का पालन करते हुए नमाज अदा की। अधिकतर मस्जिदों में 50 लोगों को ही नमाज अदा करने की इजाजत मिली। इसी कड़ी में ताजमहल मस्जिद में 50-50 लोगों ने नमाज पढ़ी। इस दौरान  लखनऊ व वाराणसी समेत अन्‍य शहरों में पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा दिखाई दी।

वहीं लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह, टीले वाली मस्जिद, आसिफी इमामबाड़ा सहित तमाम मस्जिदों में सिर्फ 50 लोगों ने ही नमाजें पढ़ीं। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के अध्यक्ष एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने देशवासियों को त्योहार की मुबारकबाद पेश करते हुए अवाम की तारीफ की। कहा जिस तरह से रमजानुल मुबारक में रोजेदारों ने घर मे रहकर लॉकडाउन पर अमल किया। ईद-उल-फितर में भी सरकार की हिदायतों का पालन किया। इसी तरह ईद-उल-अजहा में भी इन हिदायतों पर अमल किया।

इसके अलावा कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने बड़े इमामबाड़े में होने वाली नमाज को स्थगित कर दिया है। साल 2020 की तरह इसबार भी मौलाना ऑनलाइन नमाज अदा कराएंगे। मौलाना ने बताया कि, वो सुबह 11 बजे अपने घर से हुसैनी चैनल पर लाइव नमाज अदा कराई।

वाराणसी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वाराणसी में मस्जिदों और संवेदनशील मुहल्लों में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए। पुलिस महकमे के आला अधिकारी फोर्स के साथ गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिए। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि बकरीद से पहले लगातार सभी थानों में संभ्रांत लोगों के साथ पीस कमेटी की बैठकें आयोजित की गई थी। सभी से त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से काशी की गंगा-जमुनी तहजीब के अनुसार मनाने की अपील की गई थी। लोग पुलिस और प्रशासन का सहयोग करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से बकरीद का त्योहार मना रहे हैं।

मुरादाबाद में इमाम ने मस्जिद में पढ़ाई 40 लोगों को नमाज

यहां के इमली वाली मस्जिद मुफ्ती टोला में सुबह 7:30 बजे नायब शहर इमाम मुफ्ती सैय्यद फहद अली ने करीब 40 लोगों को नमाज पढ़वाई। यह मस्जिद शहर इमाम के घर के ठीक सामने है। शहर की बाकी मस्जिदों में भी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए नमाज अदा की गई है। मस्जिदों में नमाज में 5 से लेकर 50 तक लोग मौजूद रहे। ज्यादातर लोगों ने घरों पर ही नमाज पढ़ी। इसके अलावा यूपी के अन्‍य जिलों में भी कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार ही नमाजे अदा कीं गईं।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी बधाई

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-अजहा (बकरीद) की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बधाई संदेश में कहा कि यह त्याग और बलिदान के प्रति आदर व्यक्त करने वाला पर्व है। ऐसे पर्वों के माध्यम से सभी को खुशियां बांटने की प्रेरणा लेनी चाहिए। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह त्योहार सभी को मिल-जुलकर रहने व सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की प्रेरणा देता है। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर बकरा ईद की बधाई दी।

त्योहार देता है कुर्बानी का संदेश

बकरीद को अरबी में ईद-उल-अजहा कहते हैं। इस्लाम में मान्यता है कि, नबी हजरत इब्राहीम ने तीन दिनों तक लगातार ख्वाब देखा कि, वो अपने सबसे प्यारे बेटे इस्माइल की कुर्बानी दे रहे हैं। अल्लाह के ख्वाब को हकीकत में बदलने वो 14 जिलहिज्ज यानी बकरीद के दिन अपने बेटे को लेकर चले। वो इस्माइल की कुर्बानी देने ही वाले थे कि, उसी समय अल्लाह ने उनकी जगह एक दुंबा भेज दिया। जब हजरत इब्राहीम ने आंख खोली तो बेटे को सही सलामत पाया और उनकी जगह दुंबा जिबह पाया। इसी की याद में हर साल दुनियाभर के मुसलमान बकरीद का त्योहार मनाते हैं। बकरीद को ईद-ए-कुर्बान भी कहा जाता है। जो इंसानों में कुर्बानी के जज्बे को पैदा करता है।

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