आरयू ब्यूरो, लखनऊ। तमिलनाडु सरकार द्वारा नागरिकों पर लगे लॉकडाउन व सीएए आंदोलन के दौरान मुकद्दमें को वापस लेने की घोषणा को बसपा सुप्रीमो ने उचित करार दिया है। साथ ही मायावती ने शनिवार को योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि यूपी सरकार को भी तमिलनाडु की तरह मुकदमों की वापसी पर जरूर विचार करना चाहिए।
मायावती ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु सरकार ने लंबे चले कोरोना लॉकडाउन व नए नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध आंदोलनों के दौरान दर्ज किए गए दस लाख मुकदमे वापस लेने की घोषणा की है। चुनावी लाभ के लिए ही सही किन्तु यह फैसला उचित। इससे निर्दोषों को राहत मिलने के साथ-साथ कोर्ट पर भी भार काफी कम होगा।
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वहीं अपने दूसरे ट्वीट में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भी इसी प्रकार के लाखों लंबित पड़े मामलों से लोग काफी दुःखी व परेशान हैं। अतः यूपी सरकार को भी इनके मुकदमों की वापसी के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार जरूर करना चाहिए ताकि लाखों परिवारों को राहत व कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिल सके, बीएसपी की यह मांग है।
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बता दें कि तमिलनाडु सरकार की कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन का उललंघन करने वाले के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने की घोषणा से पहले ही यूपी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मामूली गलतियों पर किए गए केस को वापस लेने की घोषणा की थी। इस संबंध में सीएम योगी ने कहा कि इस कदम जनता और कोर्ट के बोझ को कम किया जा सके।हालांकि यह ढाई लाख मुकदमें सिर्फ कोरोना काल से जुड़े है, इनमें सीएए के दौरान प्रदर्शन करने वालों लगे मुकदमें नहीं शामिल हैं।