आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को नया नाम दिया है। यूपी में हुए ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर सवाल उठाने के साथ ही एसटीएफ में सबसे ज्यादा ठाकुर पुलिस कर्मी व अफसरों की तैनाती को लेकर अखिलेश ने एसटीएफ टीम को स्पेशल ठाकुर फोर्स बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ जातियों और धर्म के लोगों को ही निशाना बनाने के लिए एनकाउंटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मीडिया को दिए अपने साक्षात्कार में अखिलेश ने विकास दुबे और अन्य के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अपराधियों और दोषियों को सजा देने के लिए न्यायपालिका है तो एसटीएफ गैरकानूनी से तरीके से लोगों को क्यों मार रही है।
अखिलेश ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा व कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से एनकाउंटर और बुलडोजर का जोर चल रहा है। भाजपा सरकार भेदभाव करती है।
फर्जी एनकाउंटर में सबसे ज्यादा मारे गए पीडीए
साथ ही कहा कि सुल्तानपुर मामले में मुख्य आरोपित पर ज्यादा मुकदमे है, वह सरेंडर करता है और मंगेश यादव को पुलिस दो सितंबर को घर से उठाती है और पांच सितंबर 2024 को मार दिया जाता है, बता दिया एनकाउंटर हुआ है। सरकार बताए की जो कांड का मुख्य कर्ताधर्ता है, उसका क्या किया? सरकार ने उसे सरेंडर करा दिया। पूर्व सीएम ने यह भी दावा किया उत्तर प्रदेश में जितने फेंक एनकाउंंटर हुए है, उनमें सबसे ज्यादा पिछड़े दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) परिवार के लोग हैं।
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वहीं साक्षात्कार में अखिलेश ने आरक्षण के मुद्दे पर भी बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया। लेटरल एंट्री के जरिए इसी सरकार ने पहले तमाम भर्तियां की, उसमें आरक्षण का पालन नहीं किया। कई विभागों में लेटरल एंट्री से भर्ती हुई, लेकिन आरक्षण का पालन नहीं हुआ।