आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन आज सपा के सदस्यों ने सदन के बाहर धरना देने व सदन के अंदर भी कानून-व्यवस्था व किसानों की समस्याओं के लेकर हंगामा किया। सपा के सदस्यों ने प्रदर्शन के दौरान आलू-प्याज की माला व गन्ना लेकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि योगी सरकार किसानों के साथ लगातार ज्यादती कर रही है, अपने अधिकारों के लिए किसान लगातार परेशान है, जबकि यूपी की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर भी सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठा रही है, जिससे हालत सुधरें।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद ने कहा कि योगी सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती है। जनता में भाजपा की गलत नीतियों से भारी आक्रोश है। किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक, महिलाएं, व्यापारी, कर्मचारी, शिक्षक सभी परेशान हैं। आज का यह प्रदर्शन जनता के आक्रोश का ही प्रदर्शन है।
वहीं पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा विधायक राम कुमार वर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्रवाई कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इस गहमागहमी के बीच सभी दलों के सदस्य आपस में हंसी-मजाक भी करते नजर आएं। बताते चलें कि सोमवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन के 21 दिसंबर तक के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई थी। वहीं, विपक्ष ने सत्र की अवधि और बढ़ाने की मांग की है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने विधानमंडल सत्र की अवधि एक महीना करने की मांग की। उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में सत्र की अवधि बढ़ाने का मुद्दा उठाया था, क्योंकि समस्याएं इतनी ज्यादा हैं कि तीन दिन में उठा पाना संभव ही नहीं है।
अजय कुमार ने याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा ने 90 से 120 दिन सदन चलाने का वादा किया था, जबकि इस साल अभी तक सदन की 21 बैठकें हुई हैं। शीतकालीन सत्र में चार और बैठकें प्रस्तावित है। इस तरह इस साल मात्र 25 बैठकें होंगी। इतनी कम बैठकों से प्रदेश की जनता को राहत नहीं मिल सकती है।
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