आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉपोरेशन के कर्मचारियों के पीएफ को लेकर हुए हजारों करोड़ के घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार से अपनी जांच शुरू कर दी है। ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह के निर्देश पर सोमवार को हजरतगंज क्षेत्र स्थित शक्ति भवन के द्वितीय तल पर बने ट्रस्ट के कार्यालय को सील कर दिया गया। ईओडब्ल्यू की सोमवार अपरान्ह जांच के लिए वहां 11 सदस्यीय टीम पहुंची।
ईओडब्ल्यू के डीआइजी हीरालाल ने अपनी टीम के साथ पॉवर कार्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन के द्वितीय तल पर उत्तर प्रदेश पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट के कार्यालय में पड़ताल की। छानबीन के बाद टीम ने कार्यालय को सील कर दिया। इस दौरान ईओडब्ल्यू के डीआइजी हीरालाल तथा एसपी शकील उल जमां समेत टीम के कुल 11 सदस्य मौजूद रहें। सभी ने ट्रस्ट के कमरे की गहन छानबीन की।
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वहीं डीजी ईओडब्ल्यू ने कहा कि मामले के दोनों आरोपितों से पूछताछ के आधार पर कहा कि उनके बयान को प्रमाणित कराया जाएगा और इससे जुड़े दस्तावेजों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी में और कौन-कौन शामिल है उसकी भी तफ्तीश की जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि ट्रस्ट के अन्य लोगों ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर तो इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है? जांच के दायरे में मौजूदा सचिव और वित्त निदेशक की भूमिका भी आएगी।
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बताते चलें कि हजारों करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद योगी सरकार ने यूपीपीसीएल के पूर्व निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और इम्पलाइज ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए उनकी गिरफ्तारी कराई थी। साथ ही मामले की सीबीआइ जांच कराने को कहा। वहीं सीबीआइ जांच से पहले सीएम के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है।