आरयू ब्यूरो, लखनऊ। ऊर्जा विभाग में 45 हजार कर्मचारियों के 2268 करोड़ रुपये के पीएफ घोटाले की पटकथा रविवार को जहां ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पिछली सपा सरकार में लिखने की बात कही है। वहीं ऊर्जा मंत्री की प्रेसवार्ता के कुछ ही घंटों बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए ऊर्जा मंत्री से भी सवाल किए हैं।
अपने एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी योगी सरकार नए-नए बहानों से जनता का ध्यान भटकाती है। श्रीकांत शर्मा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार बदले की राजनीति के चलते झूठे आरोप लगा रही है। साथ ही उन्होंने मीडिया के माध्यम से श्रीकांत शर्मा से पूछा है कि डीएचएफएल से 20 करोड़ रुपए का चंदा लेने वाली भाजपा के ऊर्जा मंत्री बताएं ये रिश्ता क्या कहलाता है?
…लेकिन धीरे-धीरे खुलती जा रही घोटालों की परतें
सरकार पर आरोप लगाते हुए आज मीडिया से अखिलेश ये भी बोले कि, भाजपा सरकार अपने बेदाग होने का ढिंढोरा खूब पीटती रही, लेकिन धीरे-धीरे उसके घोटालों की परतें खुलती जा रही। भाजपा सरकार को यह बताना होगा कि बिजली कर्मियों के हक का पैसा उस कंपनी में लगाने की मेहरबानी के पीछे क्या रहस्य है जो डिफाल्टर रही है?
मामला मीडिया में न आता तो भाजपा सरकार इसे…
अखिलेश ने आगे कहा कि, सवाल यह भी है कि इतना बड़ा घोटाला ढाई साल तक पर्दे में क्यों रहने दिया गया? मामला मीडिया में न आता तो भाजपा सरकार इसे दबाए रहती। अभी भी लगता नहीं कि वह अपने घोटाले की जांच होने देगी? जब मामला सीबीआइ को देने की बात है तो फिर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच क्यों दी जा रही है?
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नहीं बताया जा रहा, वसूली के लिए सरकार क्या कदम उठा रही
साथ ही यूपी के पूर्व सीएम ने सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि बिजली कर्मियों के हजारों करोड़ रूपए जो डीएचएफएल में फंसे है, उसकी वसूली के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है, यह नहीं बताया जा रहा है। सिर्फ आश्वासन के सहारे बहकाने का काम हो रहा है।