आरयू ब्यूरो, लखनऊ। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित विवादास्पद कंपनी दीवान हाउसिंग फायनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) के साथ यूपी सरकार के कथित सौदे को लेकर जहां हड़कंप मच गया है। वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भी योगी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को इस मुद्दे को लेकर कहा है कि अपने ढाई सालों में एक भी यूनिट विद्युत न उत्पादित करने वाली व सपा सरकार के कामों को अपना बनाने की नाकाम कोशिश करने वाली भाजपा सरकार में अरबों रूपए का एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार में बिजली कर्मचारियों के 16 अरब रुपए डीएचएफसीएल जैसी डिफाल्टर कंपनी में लगा दिए गए हैं। इस कंपनी के आतंकवादी इकबाल मिर्ची और दाऊद से संबंध बताए जाते हैं। अखिलेश ने मांग करते हुए आगे कहा कि अब सवाल ये उठता है कि बिजली कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई के पैसे कौन लौटाएगा? इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो तभी इस वित्तीय अनियमितता का खुलासा होगा।
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आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी करने में माहिर योगी सरकार भ्रम और भय के सहारे राजनीति कर रही है। अपनी पिछली सरकार के बारे में अखिलेश ने आज दावा किया कि सपा सरकार के समय घरों में बिजली के मीटर लगाने की शुरूआत हो गई थी, अब उसी पर राजनीति कर जनता को बहकाने की योजना पर भाजपा सरकार काम कर रही है। भाजपा सरकार जनता को ठगने के लिए खराब गुणवत्ता वाले मीटर लगा रही है। उपभोक्ता परेशान है, और गलत बिलिंग के शिकार हो रहे हैं।