बोले अखिलेश, भाजपा सरकार में असहमति बनीं बड़ा अपराध

जान की कोई कीमत

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। भाजपा सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में असहमति बड़ा अपराध बन गई है। बीजेपी को न तो विपक्ष फूटी आंख  सुहाता है और न ही लोकतंत्र की मान्यताओं में उसका विश्‍वास हैं।

मंगलवार को अपने एक बयान में अखिलेश ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि देश का अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर 20 दिनों से आंदोलित है। भाजपा सरकार उनकी सुनने के बजाय अपनी मनवाने का हठ पाले है। यही नहीं अपने प्रचार तंत्र से भाजपा ने किसानों के बीच फूट डालने और आंदोलन को बदनाम करने का भी अभियान छेड़ दिया है। यह अभियान उस झूठ का हिस्सा है जिसमें किसानों की आवाज को दबाना है।

हमला जारी रखते हुए सपा अध्‍यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ‘सबका साथ, सबका विश्‍वास‘ का झूठा नारा सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए ही लगाती है। अन्यथा संविधान प्रदत्त अधिकारों को दरकिनार कर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन पर बर्बर पुलिसिया हमला नहीं कराया जाता। किसानों के समर्थन पर समाजवादी कार्यकर्ताओं को जेल भेजकर भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि वह फर्जीवाड़ा करने की उस्ताद है।

योगी सरकार किसान विरोधी कानून का समर्थन करने में आगे

साथ ही अखिलेश ने यूपी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि योगी सरकार किसान विरोधी कानून का समर्थन करने में आगे है। वैसे भी यूपी में किसान सबसे ज्यादा बदहाल है। ओलावृष्टि, बेमौसम बरसात से बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं मिला। गन्ना किसान का बकाया भुगतान नहीं हुआ। किसानों की कर्जमाफी नहीं हुई। किसान को न तो लागत का ड्योढ़ा दाम मिला नहीं उसकी आय दुगनी हुई। अब उसकी खेती को कारपोरेट कंपनियों की बंधक बनाने, किसान को खेत मालिक की जगह मजदूर बनाने और सरकारी संस्थानों को बेचने या उनको निजी हाथों में सौंपने के काम में ही भाजपा सरकार लगी है।

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वहीं योगी आदित्‍यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान, मजदूर, छात्र, व्यापारी, अधिवक्‍ता सहित समाज का हर वर्ग भाजपा सरकार की कुनीतियों का शिकार होकर कराह रहा है। सरकार जनहित की एक भी योजना अपने कार्यकाल में नहीं लागू कर पाई है। जब यूपी में कोई विकास हुआ ही नहीं तो अब चार वर्ष बाद मुख्यमंत्री औचक कार से निरीक्षण करने के लिए निकलने की घोषणा कर रहे हैं। जनता को भुलावें में डालने की यह साजिश सफल होने वाली नहीं, क्योंकि उनकी वादाखिलाफी से जनता भलीभांति परिचित हो गई है। कोई उनसे गुमराह होने वाला नहीं है।

अंत में अखिलेश ने कहा कि खासकर मुख्यमंत्री ने तय कर लिया है कि जुमलों और हवाई वादों में ही वे अपने बचे दिन निकाल लेंगे। करने की उनकी न तो नीयत है और नहीं कोई सोच है। मुख्यमंत्री ने हर काम को धुआं कर दिया। भाजपा ने ‘हर फिक्र को धुए में उड़ाते चल‘ देने को ही अपना आदर्श वाक्य बना लिया है। यह संवेदनशून्यता की पराकाष्ठा है।