आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को यूपीएससी सिविल सर्विस प्री परीक्षा 2020 के स्थगन को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान यूपीएससी ने कहा कि परीक्षा स्थगित करना असंभव है, क्योंकि सभी लॉजिस्टिक व्यवस्था पहले से ही की गई है। कोर्ट ने यूपीएससी को कल मंगलवार को एफिडेविड फाइल करने को कहा है।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने यूपीएससी से कहा कि वह इस तथ्य को हलफनामे में रखे और व्यवस्थाओं के साथ रखे। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 दो से तीन महीने स्थगित करने को लेकर याचिका लगाई गई है। यूपीएससी के 20 आवेदकों ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के जरिए याचिका लगाई है। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा चार अक्टूबर 2020 को ऑफलाइन मोड पर होनी है।
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यूपीएससी से जुड़ी इस याचिका में कोरोना वायरस महामारी और देश के विभिन्न भागों में बाढ़ का हवाला दिया गया है। यह भी कहा गया है कि परीक्षा के लिए केंद्रों की संख्या भी काफी कम है। मौजूदा हालात भी सामान्य नहीं हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा चार अक्टूबर 2020 को ऑफलाइन मोड पर होनी है। इस परीक्षा के लिए करीब छह लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। देशभर में 72 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।