CM योगी ने कहा, कांवड़ियों को आतंकवादी-उपद्रवी कहना आस्था का अपमान

सीएम योगी
कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/वाराणसी। जनजातीय समाज भारत की सनातन परंपरा का आधार है। ये समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है। भगवान राम, कृष्ण, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में जनजातीय समाज के योगदान का उल्लेख किया। जब भगवान राम वनवास में थे और माता सीता का अपहरण हुआ, तब उनके पास अयोध्या या जनकपुर की सेना नहीं थी। उस समय जनजातीय समाज ने उनके साथ मिलकर रावण के खिलाफ युद्ध लड़ा। छत्रपति शिवाजी ने भी वनवासी समाज के सहयोग से हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शुक्रवार को वसंत महिला महाविद्यालय में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर कही। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की। साथ ही कहा कि
कांवड़ियों को ‘आतंकवादी’ और ‘उपद्रवी’ कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सनातन आस्था का खुला अपमान है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ असामाजिक तत्व और कुछ खास समुदाय के लोग जानबूझकर कांवड़ यात्रियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। “कांवड़ यात्रा किसी भी प्रकार के उपद्रव या असामाजिक गतिविधि का मंच नहीं, बल्कि यह भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति की अभिव्यक्ति है। कुछ लोग उन्हें ‘आतंकवादी’ या ‘उपद्रवी’ कहकर हमारी सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की परंपराओं का अपमान कर रहे हैं। ये मानसिकता शर्मनाक है।”

सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर…

मुख्यमंत्री ने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों और समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो-तीन साल पहले एक आगजनी की घटना हुई थी। तब मैंने कहा था कि यह आगजनी किसी विशेष समुदाय ने नहीं की होगी। जांच में पता चला कि ऐसे शरारती तत्व छद्म वेश में किसी और ही वर्ग से था। ऐसे लोगों को चिह्नित कर समाज से बाहर करना होगा, तभी राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग समाज को तोड़ने का काम करते हैं, वे वही हैं जो फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देते हैं। यह वही वर्ग है, जिसने आदिवासियों को भड़काने और भारत के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।

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इस दौरान मुख्यमंत्री ने वसंत महिला महाविद्यालय की विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह परिसर प्राचीन गुरुकुल की स्मृतियों को ताजा करता है। उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति फाउंडेशन और एनी बेसेंट, पंडित मदन मोहन मालवीय जैसी स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों ने इस संस्थान को भारत की मूल परंपरा के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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