वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना चर्चित विलास क्रूज छपरा में फंसा

गंगा विलास क्रूज
कम पानी में फंसा गंगा विलास क्रूज।

आरयू ब्यूरो, वाराणसी/बिहार। इन दिनों चर्चा का विषय बने क्रूज को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज सोमवार सुबह बिहार के सारण में फंस गया। मामला जिले के डोरीगंज इलाके का है, जहां गंगा नदी में पानी कम होने की वजह से क्रूज को किनारे पर लाने में मुश्किल हुई । इसकी सूचना के मिलते ही प्रशासन अलर्ट हुआ, जबकि सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाते हुए घटना का जमकर मजाक भी उड़ाया।

वहीं मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम छोटी नाव के जरिए सैलानियों को चिरांद लाने की कोशिश में जुट गई। ये सैलानी चिरांद के पुरातात्विक महत्व को देखेंगे। छपरा से 11 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में डोरीगंज बाजार के पास स्थित चिरांद सारण जिले का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। घाघरा नदी के किनारे बने स्तूपनुमा भराव को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभाव और उतार-चढ़ाव से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, छपरा में जैसे ही गंगा विलास क्रूज पहुंचा नदी में पानी कम होने की वजह से फंस गया। सैलानियों को चिरांग पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसके लिए एसडीआरएफ की टीम एक्टिव हो गई।

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इससे पहले जब गंगा विलास क्रूज बक्सर पहुंचा तो वहां ढोल-नगाड़े से सैलानियों का भव्य स्वागत किया गया। इस क्रूज पर देसी और विदेशी मिलाकर कुल 31 सैलानी सवार हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के बीच बक्सर शहर में घूमने के लिए सैलानी गए और फिर वापस लौट कर क्रूज पर चले आए। भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है। ये आधुनिक सुविधाओं से लैस और पूरी तरह से सुरक्षित है।

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गंगा विलास क्रूज में खास बातें भी हैं। इसकी स्पीड अपस्ट्रीम में 12 किलोमीटर प्रति घंटा और डाउनस्ट्रीम 20 किलोमीटर तक है। पीने के पानी को लेकर क्रूज में आरओे सिस्टम है, इसके साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है। क्रूज में लोगों की सहूलियत को लेकर और उनकी जरूरत की तमाम जरूरी सुविधाएं मौजूद है। किराये की बात करें तो भारत में इसका किराय एक दिन का 25 हजार रुपये है। वहीं बांग्लादेश में 50 हजार रुपये एक दिन का किराया रखा गया है।

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