आरयू ब्यूरो, लखनऊ। वर्टिकल व्यवस्था लागू किए जाने के खिलाफ यूपी पावर कॉर्पोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ लखनऊ की ओर से शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। जहां संगठन ने अधीक्षण अभियंता तालकटोरा कार्यालय पर प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि 15 नवंबर से लखनऊ सहित अन्य जनपदों में प्रस्तावित वर्टिकल व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसका कर्मचारियों और उपभोक्ताओं दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। कर्मचारियों ने कहा कि लखनऊ के 154 बिजली घरों में उपभोक्ता अपनी शिकायतें नजदीकी केंद्र पर दर्ज कराते हैं, जबकि नई व्यवस्था में केवल 21 हेल्प डेस्क बनाए जा रहे हैं। जिससे उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी।
वहीं संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि अबतक 33,000 वोल्ट, 11,000 वोल्ट और बिलिंग से जुड़ी सभी शिकायतों का समाधान एक ही अधिशासी अभियंता से हो जाता था, लेकिन नई व्यवस्था में तीन अलग-अलग अधिकारियों से संपर्क करना पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त परेशानी होगी। साथ ही कहा कि वर्टिकल व्यवस्था लागू करने से वर्षों से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और पावर कॉर्पोरेशन पर आर्थिक भार भी बढ़ेगा।
यह भी पढ़ें- बिजली-पानी की समस्या से नाराज किसानों ने घेरा शक्ति भवन
संगठन ने ये भी बताया कि जिन जनपदों में पहले से यह व्यवस्था लागू की गई है, वहां संबंधित संगठनों ने प्रबंधन से कई सवाल पूछे हैं, लेकिन अब तक किसी निदेशक ने जवाब नहीं दिया है।संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार वर्टिकल व्यवस्था को लागू करने पर अड़ी रही, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन की होगी।




















