आरयू ब्यूरो, लखऊ। हाल ही में अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक रहे राकेश प्रताप सिंह ने सड़क न बनने से नाराज होकर 31 अक्टूबर को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद राकेश प्रताप लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे हैं। उन्हें अन्न-जल त्यागे हुए 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है।
राकेश सिंह ने दीपावली की रात भी यहीं गांधी प्रतिमा के नीचे बिताई। अनशन के दूसरे दिन शुक्रवार सुबह विधायक ने स्थल की साफ-सफाई की और गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। राकेश ने अपने क्षेत्र की दो सड़कें न बनवाए जाने से नाराज होकर 31 अक्टूबर को इस्तीफा दिया था। तब से उनका अनशन चल रहा है।
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राकेश प्रताप सिंह ने अपने क्षेत्र में विकास कार्य न होने की बात कहकर इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस्तीफे की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहें है। लोगों का कहना है कि अब चुनाव में महज कुछ महीने ही बचे है। ऐसे में विधायक के इस्तीफे और अब आमरण अनशन के मायने क्या है?
बता दें कि विधायक ने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद लखनऊ में जीपीओं पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। विधायक ने इस संबंध में पिछले दो अक्तूबर को जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अंतिम चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 31 अक्तूबर को सुबह 11 बजे तक दोनों सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।