अभय सिंह की विधायकी पर फैसला सुरक्षित, हाई कोर्ट में जिरह पूरी

हाई कोर्ट लखनऊ बेंच

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा के बागी विधायक अभय सिंह के खिलाफ जानलेवा हमले के मामले में सोमवार को लखनऊ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति राजन राय की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस ने इस विवादित मामले को जस्टिस राजन रॉय की बेंच को ट्रांसफर कर दिया। कल की सुनवाई में अभय सिंह के राजनीतिक भविष्य और कानूनी स्थिति पर अंतिम फैसला आ सकता है।

यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक महत्व भी रखता है। अगर अभय सिंह दोषी करार दिए जाते हैं, तो उनकी विधायकी पर असर पड़ सकता है। वहीं, बरी होने की स्थिति में यह उनके लिए बड़ी जीत साबित होगी।

दरअसल हाई कोर्ट में आज सुनवाई में वकील नागेंद्र मोहन ने कई तथ्य रखे। जिसमें बताया कि पीड़ित की एफआइआर में न तो इस्तेमाल किए गए हथियारों का विवरण दिया गया है। न ही घटना का सटीक समय बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा- पीड़ित वादी ने अपने बयान कई बार बदले हैं। कभी दो हमलावरों की बात की, तो कभी छह की।

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वहीं, अभियुक्त संभूनाथ सिंह के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर में चोटों का कोई जिक्र नहीं था, यह मुद्दा केवल ट्रायल के दौरान उठाया गया। यह भी बताया गया कि कथित फायरिंग में गाड़ी में बैठे किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई।

दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद न्यायालय ने आदेश को रिजर्व कर लिया है। जल्द ही फैसला आने की संभावना है। मामला 2010 का है, जब अयोध्या के महाराजगंज थाना क्षेत्र में विकास सिंह ने अभय सिंह और उनके साथियों पर जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। निचली अदालत से होते हुए यह मामला लखनऊ हाईकोर्ट पहुंचा।

हाई कोर्ट में चुनौती

2023 में अंबेडकर नगर एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद अभय सिंह समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। इसके बाद विकास सिंह ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। मामला हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पहुंचा, जहां 20 दिसंबर 2024 को दो अलग-अलग फैसले सामने आए।

दो अलग फैसलों से उलझा मामला

जस्टिस एआर मसूदी ने अभय सिंह समेत पांच आरोपितों को तीन साल की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया। वहीं, जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें बरी कर दिया। इन विरोधाभासी फैसलों के कारण यह मामला न्यायिक उलझन में पड़ गया और इसे चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की बेंच को सौंपा गया।

बता दें कि फरवरी, 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा विधायक अभय सिंह अपने सियासी कदमों के चलते चर्चा में रहे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला था। आरोप भी लगे थे कि भाजपा ने धनबल और बाहुबल के जरिए सपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने सपा से बगावत भी की।

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