आरयू वेब टीम। विपक्षी नेताओं की तरफ से मंगलवार सुबह दावा किया गया कि उनके फोन में सरकार -प्रायोजित हैकिंग से जुड़े चेतावनी संदेश आए। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में कई लोगों को ऐसे संदेश आए हैं। इनमें केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा शामिल हैं। भाजपा इस वक्त युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश में है।
राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा पहले मैं सोचता था कि सरकार में नंबर-एक प्रधानमंत्री हैं, दूसरे पर अडानी और तीसरे पर अमित शाह हैं, लेकिन ये गलत है। सरकार में नंबर-एक अडानी हैं, पीएम मोदी दूसरे नंबर पर हैं और अमित शाह तीसरे पर हैं। साथ ही कहा “हिंदुस्तान की राजनीति हमें समझ आ गई है। अडानी जी बचकर नहीं निकल सकते। हमने अडानी को ऐसा घेरा है कि वह बचकर नहीं निकल सकते। इसलिए ध्यान बंटाने की राजनीति हो रही है। कि देश की निगाह, विपक्ष की निगाह पिंजरे में बैठे हुए तोते की ओर न चली जाए।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “जितनी टैपिंग करनी हो कर लो। मुझे फर्क नहीं पड़ता। अगर आपको मेरा फोन चाहिए तो मैं अपना फोन दे देता हूं आपको। कम लोग लड़ रहे हैं इसके खिलाफ। लेकिन हम डरने वाले लोग नहीं हैं, लड़ने वाले लोग हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।”विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया है कि उनके मोबाइल पर फोन निर्माताओं द्वारा एक संदेश भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि उनके फोन में सरकार समर्थित हैकरों द्वारा हैकिंग की कोशिश की गई है।
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जिन नेताओं ने यह शिकायत की है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा शामिल हैं। इन लोगों के अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उन्हें भी इस तरह के मैसेज आए हैं। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी बाद में इस तरह के आरोप लगाते हुए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। साफ छुपाते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।”
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है, जब भारत सरकार पर विपक्षी नेताओं की जासूसी के आरोप लगे हों। इससे पहले 2019 और 2022 में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत समेत दुनियाभर के सौ से अधिक पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी हो रही है। इसके लिए दुनिया के सबसे ताकतवर हैकिंग सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया था जिसे इस्राइल की एक कंपनी ने तैयार किया है।