आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वोट चोरी के मुद्दे को लेकर आज भाजपा पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र कमजोर किया है। भाजपा और अधिकारियों में सांठगांठ हैं। इसको हराने के लिए लगातार काम करना होगा। साथ ही दावा किया कि चुनाव निष्पक्षता और ईमानदारी से हो तो भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सकता है।
अखिलेश यादव शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के संबंध में चर्चा के दौरान पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित कर कहा कि इस सरकार ने शिक्षा का व्यवसायीकरण कर दिया है। पूरी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। भाजपा गरीबों को शिक्षा से दूर करना चाहती है। फीस महंगी कर दिया है। शिक्षा विभाग और शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की कमी से शिक्षा-व्यवस्था कमजोर हो गयी है।
साथ ही कहा कि समाजवादी सरकार में कई सैनिक स्कूल खोले गये। स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज बनाए गए। शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्तियां की गयी। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया था लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही सब कुछ बर्बाद दिया है। शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। शिक्षकों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। भाजपा अगर सत्ता में रह गयी तो सरकारी कॉलेजों समेत शिक्षण संस्थानों को बेंच देगी।
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हमला जारी रखते अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां पूरी तरह से फेल हो गयी है। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। महंगाई, भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया। किसानों को खाद और अन्य कृषि के जरूरी सामान समय पर नहीं मिल रहे हैं। खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हुई। नौजवानों के लिए नौकरी, रोजगार नहीं है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। भाजपा ने विदेश से काला धन लाने का वादा किया था। काला धन कहां चला गया?
इतना ही नहीं थाने, तहसीलों में भारी भ्रष्टाचार और लूट है। भाजपा सरकार ने जीएसटी के नाम पर व्यापारियों को प्रताड़ित किया। महंगाई बढ़ाकर आम जनता से लूट की। जबकि जीएसटी कम हुआ तो वस्तुओं के दाम क्यों नहीं कम हो रहे हैं। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और मुनाफाखोरी के कारण चीजें सस्ती होती नहीं दिख रही है।