आरयू ब्यूरो
लखनऊ। काफी समय से लगभग खामोश चल रहे सपा के ताकतवर कैबिनेट मंत्री आजम खान ने आखिरकार बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहाकि वर्तमान में चल रहे देश और प्रदेश के राजनीतिक क्रम में सबसे ज्यादा मुसलमान परेशान हैं। उनकों अपना भविष्य अन्धकारमय नजर आ रहा है क्योंकि उनका टूटता-बिखरता सपना सबके सामने है। बयान जारी कर आगे कहा कि बिना कुछ किये ही सभी ने उसे अपनी जागीर समझ रखा है। मुसलमान न तो पानी का बुलबुला है और न ही थाली का बैगन जिसे कहीं भी लुढ़का दिया जाए।
‘मुसलमानों के फैसले से भाजपा प्रदेश में नहीं बना सकेगी सरकार’
मुसलमानों की राजनीतिक हालात पर पैनी नजर है। फैसला लेने में अभी काफी समय हैं, लेकिन उनका फैसला ऐसा जरूर होगा कि भाजपा प्रदेश में सरकार नहीं बना सकेगी। उनका बुद्धिजीवी वर्ग अपना अच्छा-बुरा ठीक प्रकार से जानता है। बिना किसी पार्टी का नाम लिए उन्होंने कहा कि मुसलमान मुद्दों के साथ ही मजबूत राजनैतिक पकड़ वाले दल या व्यक्तित्व की ओर अपनी नजर गड़ाए हैं। सही मायने में मुस्लिम लीडरशिप के साथ ही मुसलमान सैकुलर हिन्दुओं के साथ चलना चाहते है, लेकिन वह न तो हारी हुई लड़ाई लड़ना चाहते हैं और न ही बिना भरोसे वाली राजनैतिक ताकत के सहयोगी बनना चाहते है। लंबी खामोशी के बाद मीडिया में जारी उनके बयान में कहीं भी समाजवादी पार्टी या फिर उसके किसी नेता का जिक्र नहीं है। आजम खान के बयान के बाद लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे है। कुछ लोगो का कहना है कि वर्तमान समय में आजम खान सपा से नाराज चल रहे है और जल्द ही कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं। हालांकि लोगों के अंदाजे में कितना दम हैं यह तो आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।