आरयू वेब टीम। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में मेक इन इंडिया एक अहम कंपोनेंट है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती तो भारत की सेनाएं, पाकिस्तान के निचले हिस्से से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं। आतंकवाद का कारोबार चलाना कॉस्ट इफेक्टिव नहीं है बल्कि उसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है।
उक्त बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित सीआइआइ की सालाना बिजनेस समिट कार्यक्रम को संबोधित कर कही। साथ ही एक बार फिर से पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि पीओके में रहने वाले हमारे इन भाइयों की स्थिति कुछ ऐसे ही है जैसे वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी। छोटे भाई शक्ति सिंह के अलग हो जाने पर भी बड़े भाई महाराणा प्रताप का विश्वास अपने छोटे भाई के प्रति बना रहता है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही दिलों को जोड़ने की बात करता है और हमें विश्वास है कि प्रेम, एकता और सत्य के मार्ग पर चलकर वो दिन दूर नहीं जब हमारा ही अंग पीओके खुद लौटकर कहेगा, मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा और समझा। ये साबित हो चुका है कि मेक इन इंडिया भारत की सिक्योरिटी और समृद्धि के लिए जरूरी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है और हमें यह पूर्ण विश्वास है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग है वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरुर वापस लौटेंगे। वहां के अधिकांश लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते है और कुछ गिने चुने ही हैं जिन्हें भटकाया गया है।
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इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षाक्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभी दो दिन पहले ही अडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के एक्जिक्यूशन मॉडल को मंजूरी दी है। ये भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ देश में एयरोस्पेस सेक्टर को एक नई ऊंचाई देगा। उन्होंने कहा कि एएमसीए प्रोजेक्ट के अंतर्गत पांच प्रोटोटाइप डिवेलप करने की योजना है जिसका बाद में सीरियल प्रॉडक्शन होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि पहली बार किसी मेगा डिफेंस प्रोजेक्ट में पब्लिक सेक्टर कंपनियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदारी करने का मौका मिलेगा।
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