आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विश्व जनसंख्या दिवस पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने अपना तर्क देते हुए कहा कि एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी। जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।
साथ ही योगी ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है। वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता है, क्योंकि रिलिजियस डेमोग्राफी पर विपरीत असर पड़ता है तो एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से सभी मत मजहब, वर्ग, संप्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
लखनऊ में सीएम आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री योगी ने जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा समेत अन्य अफसर मंत्री भी मौजूद रहें।
वहीं सीएम योगी ने आज यह भी कहा कि जब बात परिवार नियोजन की हो। जनसंख्या स्थिरीकरण की हो तो हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफलतापूर्वक जरूर हों, लेकिन कहीं भी जनसांख्यकीय असंतुलन की स्थिति न पैदा होने पाए। ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों, उन पर जनसंख्या स्थिरीकरण की कोशिशों से, इंफोर्समेंट से और जागरुकता प्रयासों से उनकी आबादी को नियंत्रित कर दिया जाए।
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साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते पांच वर्ष में बेहतरीन परिणाम दिए हैं। मैटरनल एनीमिया में आज ये 51.1 फीसदी से घटकर 45.9 फीसदी रह गया है। पांच साल में फुल इम्यूनाइजेशन 51.1फीसदी से बढकर लगभग 70 फीसदी तक पहुंच गया है।
इसके अलावा संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68 फीसदी थी, वह आज 84 फीसदी की ओर जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा।