आरयू ब्यूरो
नई दिल्ली/लखनऊ। लाख कोशिशों के बाद भी समाजवादी पार्टी में अब सुलह होने की गुंजाइश लगभग समाप्त हो चुकी है। आज शाम चुनाव आयोग पहुंचे रामगोपाल यादव ने मीडिया से कहा कि अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवदी पार्टी असली है, इसलिए साइकिल पर हमारा हक है।
अखिलेश के साथ 90 प्रतिशत से ज्यादा एमएलए और एमएलसी है। रामगोपाल यादव ने बताया कि 205 विधायकों, 24 में से 15 सांसदों समेत पार्टी के कुल 5731 प्रतिनिधियों में से 4716 प्रतिनिधियों के हलफनामें चुनाव आयोग को सौंप दिया गया है। चुनाव आयोग ने हमें 9 जनवरी तक का समय दिया था लेकिन हमने आज ही डेढ़ लाख से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज को चुनाव आयोग को दे दिया है।
रामगोपाल के साथ अखिलेश के करीबी मंत्री अभिषेक मिश्रा, राज्यसभा सदस्य आलोक तिवारी, रवि प्रकाश वर्मा, चंद्रपाल यादव, नीरज शेखर, और सुरेंद्र नागर समेत अन्य लोग मौजूद थे।
अपनी शर्तों पर आज भी अड़े रहे मुलायम-अखिलेश
वहीं दूसरी ओर आज भी आजम खां समेत यादव कुनबे के अन्य हमदर्दों की कोशिश से सपा खेमों में सुलह के लिए कई चरणों में रात तक बैठकें होती रहीं, लेकिन चुनाव सिर पर होने के बाद भी अपने मन मुताबिक फैसला नहीं होने के चलते दोनों खेमों के बीच बात नहीं बन सकी।
यादव परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार एक ओर जहां अखिलेश यादव किसी भी सूरत में पार्टी अध्यक्ष का पद तो दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव शिवपाल और अमर प्रेम को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए।
मुलायम जहां अखिलेश के बेहद करीबी बने रामगोपाल यादव समेत नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, जबकि अखिलेश शिवपाल को प्रदेश की राजनीत से और अमर सिंह को पार्टी से बाहर देखने की शर्त के साथ अड़े हैं।
विधानसभ के बेहद करीब होने के बाद यादव परिवार में मचे इस घमासान से चुनाव में सपा को भारी नुकसान होने का आकलन लगाया जा रहा है।