आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार द्वारा मंगलवार को पेश किये गए चौथे बजट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने विधानसभा में आज प्रस्तुत आम बजट 2020-21 को भारी भरकम आंकड़ों की बाजीगरी बताते हुए युवाओं और किसानों के लिए घोर निराशाजनक और धोखा करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 450 रूपये प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य देने की घोषणा करके सत्ता में आने वाली भाजपा तीन सालों में मात्र गन्ने के मूल्य में दस रूपये की ही वृद्धि कर पायी है।
युवा बेरोजगारों जिनकी संख्या पिछले दो वर्षों में 12.5 लाख बढ़ गयी, 21 लाख 39 हजार 811 के मुकाबले 33 लाख 93 हजार 330 (सरकार द्वारा विधानसभा में की गयी घोषणा के मुताबिक) नये रोजगार देने के बजाए आज के बजट में रिटायर्ड शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में नौकरी देने की घोषणा बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वसघात है। वहीं कौशल विकास योजना भी छलावा साबित हुई।
प्रदेश अध्यक्ष ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें शिक्षामित्रों, आंगनबाड़ी, रसोइयां, आशा बहू, रोजगार सेवक, चौकीदार, होमगार्ड, अनुदेशक एवं मदरसा शिक्षकों के लिए कुछ भी नहीं है जो अत्यंत निराशाजनक बात है।
शिक्षा के बाजारीकरण का संकेत
आंकड़ों की बात करते हुए लल्लू ने आज मीडिया से कहा कि शिक्षा बजट में ‘व्यापक कटौती’ पिछले बजट 2019-20 में कुल 48044 करोड़ की घोषणा हुयी थी, जबकि इस बजट में 18633 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी है, यह शिक्षा के बाजारीकरण का संकेत है। आयुष्मान येाजना में बजट का आवंटन न करना निजीकरण को बढ़ावा देने जैसा है।
अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की घोषणा…
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की घोषणा भी झूठ का पुलिंदा है, इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा घोषित नवोदय विद्यालय को खत्म करने की साजिश है, क्योंकि इसमें बजट ही नहीं बढ़ाया गया, उसके मुकाबले फीस वृद्धि और सुविधाएं घटायी गयीं हैं।
छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब…
हमला जारी रखते हुए लल्लू ने कहा कि कृषि पर लागत कम करने, खाद, बीज, पानी, कृषि यंत्र, कीटनाशक, बिजली आदि के दामों में कमी का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है और न ही दूसरे राज्यों की भांति जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित कृषि उत्पादित गेहूं, धान एवं तिलहन की फसलों के मूल्य पर प्रति कुंतल दो सौ रूपये से लेकर 15 सौ रूपये तक बोनस देने का प्रावधान है, इसे प्रदेश सरकार ने बजट में कोई महत्व नहीं दिया है, जबकि पिछले तीन सालों में इन अनिवार्य कृषि उपयोग की चीजों के दामों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।
इसके अलावा 32 सौ रूपये प्रति कुंतल गेहूं का मूल्य होना चाहिए था जो नहीं किया गया। साथ ही किसान आयोग का गठन तथा खेतों में रखवाली करने वालों के लिए भत्ता का भी कोई प्राविधान नहीं किया गया है। ऐसे में किसानों की आय दुगुनी करने की घोषणा किसानों के साथ क्रूर मजाक है।
महिलाओं की बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षा के लिए मात्र 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है इससे पूरे प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा कैसे हो पायेगी। एसिड अटैक एवं रेप पीड़ित महिलाओं के लिए बजट में कोई सहायता राशि का प्रावधान नहीं है। बजट पूरी तरह प्रदेश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है।