आरयू हेल्थ डेस्क। आंसु दुख हो या खुशी दोनों को प्रकट करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीका जैसा खतरनाक वॉयरस आपके आंसु में ही मौजूद हो सकता है। वैज्ञानिकों की माने तो जीका वॉयरस आपकी आंखो को अपने घर के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
जीका खासकर गर्भवतियों के लिए नुकसानदेह है। इससे आंखों में कंजेक्टिवाइटिस व खुजली और लाल होने जैसी बीमारियां होती हैं। सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह आपके आंखों की रोशनी भी छीन सकता हैं।
वैज्ञानिकों के शोध में हुआ खुलासा
वाशिंगटन में हुए शोध में वैज्ञानिकों ने चूहे पर रिसर्च के दौरान पाया कि संक्रमित चूहे की आंखों और आंसुओं में एक ही वायरस है। वैज्ञानिकों के अनुसार जीका का असर व्यसकों से कही अधिक गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क पर होता है। यह वायरस भ्रूण के मस्तिष्क को क्षति पहुंचाता है।
इस पूरे शोध में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने मीडिया को इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वाशिंगटन यूनीवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन में रिसर्च के दौरान यह पता चला कि गर्भाशय में पलने वाले शिशुओं की आंखो पर इसका सबसे अधिक असर पड़ता है। जिससे की जन्म के बाद रेटिना को नुकसान पहुंचने के कारण दृष्टिहीनता जैसी समस्यां देखने को मिलती हैं।
जीका वॉयरस से पीड़ित मरीजों पर…
सूत्रों की माने तो अब शोधकर्ता जीका वॉयरस से पीड़ित मरीजों पर रिसर्च करने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि लोगों को जीका के प्रकोप से बचाया जा सके। शोधकर्ता अब तक रक्त परीक्षण से इसकी पहचान करते थे लेकिन अब जल्द ही इसकी पहचान आंखों से निकलने वाले पानी के नमूनों से की जा सकेगी।