गोमतीनगर में कावेरी अपार्टमेंट से कूदकर आर्किटेक्‍ट ने दी जान, सुसाइड नोट में बताई ये वजहे

आर्किटेक्ट ने दी जान

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। गोमतीनगर विस्‍तार स्थित कावेरी अपार्टमेंट से कूदकर बीती रात एक आर्किटेक्‍ट ने जान दे दी। सुबह आपर्टमेंट परिसर में आर्किटेक्‍ट को पड़ा देख लोगों ने उसे लोहिया अस्‍पताल पहुंचाया। जहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। वहीं मृतक की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने जान देने की वजह व्‍यापार में घाटा होना बताया है। पुलिस शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मामले की जांच कर रही है। आर्किटेक्‍ट की मौत से उनके परिजनों में कोहराम मचा है।

बताया जा रहा है कि मूल रूप से फरूखाबाद जिले के गीतापुरम इलाके के निवासी कृष्‍ण कुमार पाल के बेटे अनिल कुमार पाल (50) पेशे से आर्किटेक्‍ट होने के साथ ही वह अपने पार्टनर अमित यादव और राजू यादव के साथ कंपनी चलाते थे। अनिल पत्‍नी अंजू और मासूम बेटे आयुष के साथ कावेरी अपार्टमेंट के ए ब्‍लॉक स्थित फ्लैट संख्‍या 501 में किराए पर रहे थे।

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घटना की विवेचना कर रहे एसआइ कमलेश पाठक ने बताया कि तीन दिन पहले ही अनिल पत्‍नी व बेटे को लेकर फरूखाबाद गए थे। जहां दोनों को छोड़ने के बाद वह वापस लखनऊ आ गए थे। आज सुबह आपर्टमेंट परिसर में उनकी लाश मिलने पर लोगों को घटना की जानकारी हुई।

आर्किटेक्ट ने दी जान
पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे गमगीन परिजन।

सुसाइड नोट में लिखा था…

पुलिस को अनिल की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें अनिल ने अपना नाम पता व पिता का मोबाइल नंबर लिखने के साथ ही पत्‍नी बेटे को फरूखाबाद पहुंचाने की बात लिखते हुए कहा है कि मुझे बहुत सारे लोगों का पैसा देना है। मै घाटे में हूं, इसी कारण से आत्‍महत्‍या जैसा अपराध कर रहा हूं। इसमे किसी का कोई दोष नहीं है। मेरा नुकसान इतना बड़ा है कि उसकी भरपाई करना मुश्किल है। सुसाइड नोट के अंत में भगवान से क्षमा मांगने की बात लिखी गयी है।

दोस्‍तों को नहीं हो रहा था यकीन

वहीं घटना की जानकारी पाकर पोस्‍टमॉर्टम हाउस पहुंचे अनिल के दोस्‍तों व परिचितों को उनके आत्‍महत्‍या करने की बात गले से नहीं उतर रही थी। उनका यही कहना था कि अनिल काफी हिम्‍मती और प्रतिभावान थे। दूसरी ओर अनिल के पिता और भाई ने मीडिया से खुलकर बात नहीं की। वह लोग सिर्फ इतना ही कह सके कि फिलहाल उन लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा है। दूसरी ओर अनिल के कंपनी पार्टनर ने पत्रकारों से दूरी बनाने में ही भलाई समझी।

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पुलिस कराएगी हैंड राइटिंग की मिलान

मामले की जांच कर रहे कमलेश पाठक ने बताया कि मृतक के परिजनों से ठीक से पूछताछ नहीं हो सकी है। वह शव का पोस्‍टमॉर्टम होने के बाद वह उसे लेकर शाम को फरूखाबाद चले गए हैं। फिलहाल उनके फ्लैट की चाभी और अनिल का मोबाइल भी पुलिस के पास है। पुलिस परिजनों के वापस लौटने पर फ्लैट की जांच करने के साथ ही सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग की भी मिलान कराएगी। इसके अलावा इधर बीच उनसे मिलने वालों से भी पूछताछ करने के साथ ही अनिल की कॉल डिटेल भी निकलवाई जाएगी।

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