अवैध निर्माणकर्ता व प्रवर्तन के इंजीनियर-अफसरों के लिए सरदर्द बनें शिकायती गैंग के खिलाफ एलडीए ने खोला मोर्चा, टारगेट पर टॉप 28

अवैध निर्माण
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण और उसकी ठेकेदारी पर लगाम लगाने की कोशिश में फिलहाल नाकाम चल रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अब अवैध निर्माणों की युद्ध स्‍तर पर शिकायत करने वाले गैंग के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। जनहित का हवाला देते हुए एलडीए ने ऐसे टॉप 28 शिकायतकर्ताओं की लिस्‍ट तैयार की है, जिन्‍होंने बीते 17 महीनों में अवैध निर्माण से जुड़ी सौ दो सौ नहीं, बल्कि 2114 शिकायतें एलडीए में आइजीआरएस के माध्‍यम से कर डाली है। प्राधिकरण आगे की कार्रवाई के लिए इन शिकायत विशेषज्ञों की लिस्‍ट शासन भी भेजेगा।

एलडीए के इस कदम से अवैध निर्माणकर्ताओं और इसे बढ़ावा देने वाले प्रवर्तन से जुड़े चर्चित इंजीनियर व जोनल अफसरों को ब्‍लैकमेल कर वसूली करने वालों में हड़कंप मच गया है, जबकि अवैध निर्माण रोकने की जगह उसका ठेका लेने के लिए मंत्री से लेकर शासन तक जोर लगाकर प्रवर्तन में बनें रहने वाले इंजीनियर, अफसर व कर्मियों ने राहत की सांस ली है।

शिकायती गिरोह की मिल रही लगातार सूचना: प्रथमेश कुमार

एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार का कहना है कि जन सुनवाई में शिकायती गिरोह के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। शिकायतों की स्क्रूटनी कराकर ऐसे लोगों की लिस्‍ट तैयार की गयी है जो हर महीने निर्माण कार्य के संबंध में 20 से 30 शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। इनके बारे में शासन को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।

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वहीं इस बारे में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने विस्‍तार से मीडिया को बताया है कि हर महीने प्राधिकरण में होने वाली जनता अदालत में कई आम नागरिकों ने शिकायती गिरोह के खिलाफ प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि वह लोग अपनी गाढ़ी कमाई व बैंक से लोन लेकर किसी तरह अपने व परिवार के लिए मकान बनवा रहे हैं। जिसमें शिकायती गिरोह द्वारा रूपयों की मांग की जा रही और नही देने की सूरत में निर्माण कार्य अवैध कराकर देते हुए प्राधिकरण व आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी जा रही। गिरोह द्वारा गलत मंशा से इस तरह की शिकायतें करके आम नागरिकों का शोषण किया जा रहा है।

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वहीं लगातार सामने आ रहे ऐसे प्रकरणों पर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जांच के आदेश दिये थे। जिसके अनुपालन में आइजीआरएस सेल के माध्यम से जनवरी 2024 से लेकर 30 मई 2025 के बीच निर्माण कार्यों के संबंध में आयी शिकायतों की स्क्रूटनी कराने पर पता चला कि इस अवधि में प्राप्त हुयी कुल शिकायतों में से 2114 शिकायतें तो मात्र 28 लोगों ने ही दर्ज करायी हैं, जोकि शहर में अलग-अलग जगह चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर की गयी हैं। इन शिकायतकर्ताओं में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन पर निर्माणकर्ता सीधे तौर पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगा रहे हैं।

अब और मुश्किल होगी अवैध निर्माण पर कार्रवाई!

अपर सचिव का कहना है कि उपरोक्‍त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जनहित में आदेश जारी किया है कि अब से निर्माण कार्य के संबंध में किसी भी माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों की पूरी संवेदनशीलता से जांच की जाए। स्थल पर गहन परीक्षण के बाद ही शिकायतों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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12 महीने में अकेली महिला ने ठोकी अवैध निर्माण की 171 शिकायतें

ज्ञानेंद्र वर्मा के अनुसार जांच में सामने आया कि एक महिला ने बीते करीब एक साल में ही आइजीआरएस पोर्टल पर अवैध निर्माण की 171 शिकायतें की हैं।

दूसरे व तीसरे नंबर वाले भी ज्‍यादा दूर नहीं

वहीं दूसरे नंबर पर एक शिकायतकार्ता ने 168, जबकि इस लिस्‍ट में तीसरा स्‍थान बनाने वाले व्‍यक्ति ने अवैध निर्माण की 167 शिकायतें दर्ज करायी हैं।

बताते चलें कि एलडीए अफसरों की लापरवाही व मिलीभगत के चलते पिछले चार-पांच सालों में अवैध निर्माण की ठेकेदारी का गोरखधंधा सूबे की राजधानी में पीक पर जा पहुंचा है। इंदिरानगर, महानगर व गोमतीनगर जैसी पॉश कालोनियों से लेकर पुराने लखनऊ की तंग गलियों और शहर की सैकड़ों अवैध कॉलोनियों व गांव तक में अवैध निर्माण/प्‍लॉटिंग आज भी तेजी से चल रही। इन्‍हीं अवैध निर्माण व अवैध प्‍लॉटिंग की एलडीए से शिकायत कर शिकायती गैंग अवैध निर्माणकर्ताओं के साथ-साथ इन्‍हें संरक्षण देने वाले प्राधिकरण के ही इंजीनियर व अफसरों तक से वसूली कर रहा है।

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शिकायती गैंग की इस कारस्‍तानी के चलते अवैध निर्माणकर्ता व अवैध निर्माण का ठेका लेने वाले इंजीनियर-अफसरों को खासी दिक्‍कतें हो रहीं वहीं कई बार आम जनता को भी अपना ही घर तक बनाने के लिए इस गैंग के साथ ही एलडीए की भी परिक्रमा करनी पड़ रही। वीसी प्रथमेश कुमार ने लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब इन पर लगाम लगाने के लिए प्‍लानिंग के साथ कदम उठाया है।

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