आरयू ब्यूरो, लखनऊ। स्वस्थ और सुरक्षित नारी से ही सशक्त परिवार और समाज का निर्माण होता है। प्रदेश में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अब अपराधी और माफिया भी समाज में अपनी गलतियों के लिए माफी मांग रहे हैं। मिशन शक्ति केंद्र महिलाओं के संरक्षण और न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगे, जिससे महिलाओं को हर स्तर पर सुरक्षा और सशक्तिकरण मिलेगा।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोक भवन सभागार में शनिवार को नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित ‘मिशन शक्ति-5.0’ का शुभारंभ कर कार्यक्रम को संबोधित कर कही। इस अवसर पर सभी 1,647 थानों में नए मिशन शक्ति केंद्रों का उद्घाटन भी हुआ।
साथ ही सीएम ने मिशन शक्ति केंद्रों से संबंधित एसओपी की पुस्तिकाओं का विमोचन किया। योगी ने कहा कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मिशन शक्ति के कार्यक्रम को हमने 2020 में प्रारंभ किया था। इस अभियान को नारी सुरक्षा सम्मान और स्वावलंबन के लिए हमने शुरू किया था। नई गरिमा के अनुरूप सुरक्षा और सम्मान मिले, जिस पर हमने काम किया। आज मिशन शक्ति के परिणाम हमारे सामने हैं।
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योगी ने कहा कि आपने कल देखा होगा महिला संबंधी अपराध में संलिप्त एक अपराधी बाहर से आया था। वह संभवतः मारीच की तरह घुसा था, लेकिन जब यहां की पुलिस की गोली ने उसके शरीर को छलनी किया तो वह चिल्ला रहा था कि सर मैं गलती से उत्तर प्रदेश की सीमा में आ गया हूं, आगे से यह दुस्साहस नहीं करूंगा। यह हर उस अपराधी को करना पड़ेगा जो महिला सुरक्षा में सेंध लगाएगा। उनके सम्मान और उनके स्वावलंबन में उसमें बाधक बनेगा। उसके सामने संकट की यही चुनौती हमेशा खड़ी होगी।
हम बेटियों को बढ़ाने के लिए काम कर रहे
सीएम ने कहा कि महिलाएं-बेटियां पहले अपने आप को सुरक्षित नहीं समझती थीं, लेकिन आज का दिन है कि वो बिना डरे आगे बढ़ रही हैं। हम बेटियों को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस में आजादी के बाद से महिला कार्मिकों की संख्या 10000 थी। 2017 से लेकर अब तक 44000 से अधिक महिला कर्मिको की संख्या हो गई है। प्रत्येक भर्ती में महिला कर्मिकों की भर्ती भी की जा रही है। 2017 के पहले हमारे पास चलेंज था। यूपी में पूर्ण ट्रेनिंग की व्यवस्था भी 2017 से पहले नहीं थी। आज 60000 से अधिक पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग यूपी में हो रही है। हमने ट्रेनिंग की क्षमता को 3000 से बढ़कर 60000 किया।
बेटी के जन्म से स्नातक तक की पढ़ाई…
यूपी के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई तक की व्यवस्था भी कर रहे हैं। बेटी के जन्म पर 5000 की राशि उसके अभिभावक को दी जाती है। बेटी एक साल की होने पर 2000 रुपये दिए जाते हैं। बेटी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी तरीके के टीकाकरण से उसे जोड़ा जाना जरूरी है। बेटी पहली क्लास में जाएगी तो कन्या सुमंगला योजना के तहत 3000 रुपये दिए जाएंगेय बेटी छठी क्लास में जाएगी तो 3000 सरकार अभिभावक के खाते में दे रही है। बेटी जब दसवीं क्लास में जाती है 5000 रुपये दिए जाते हैं। यहां तक कि 12वीं पास करने के बाद 7000 की राशि अलग से दी जा रही। कन्या सुमंगला योजना के तहत 26 लाख से अधिक बेटियां लाभान्वित हुई हैं। पहले चेहरा देखकर योजना का लाभ मिलता था। अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक लाख की राशि बिना भेदभाव के दी जा रही। बेटी की शादी के लिए भी सरकार अनुदान दे रही।
फिट इंडिया मूवमेंट का कार्यक्रम
वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का कार्यक्रम भी मातृ वंदना का अभियान फिट इंडिया मूवमेंट का कार्यक्रम नई गरिमा से जुड़े कार्यक्रम चला रहे।11 वर्ष में गरीबों के लिए जो भी कार्यक्रम शुरू किए गए उनका केंद्र बिंदु नारी, 12 करोड़ घरों में शौचालय बना नारी गरिमा का प्रतीक, दस करोड़ घरों में उज्जवला गैस कनेक्शन मिलन नारियों के लिए अभिनव योजना। आयुष्मान भारत की योजना में देश में दस करोड़ परिवारों को जोड़ने का काम किया। 80 करोड लोगों को फ्री में राशन सुविधा का लाभ दिया जा रहा। ग्रामीण भूअभिलेख घरौनी महिलाओं को भी प्रदान किए गए।