आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में जहां कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल देखा जा रहा है। वहीं सरकार ने संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज करने वाली गाइडलाइन में बड़ा बदलावा किया है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की नई गाइडलाइन के अनुसार अब हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीज बिना जांच के ही दस दिन के बाद घर जा सकेंगे। अभी तक इस तरह के मरीज भी 14 दिन तक अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रहते थे। वही नई गाइडलाइन में कहा गया है कि हल्के लक्षण के संक्रमित मरीज़ों से संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता है ।
प्रेसवार्ता में इस बात की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उन्होंने बताया कि आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार डिस्चार्ज पॉलिसी में संशोधन किया गया है। असिम्टोमैटिक वाले मरीजों को अब दस दिन के बाद किसी प्रकार के लक्षण न आने पर बिना जांच के ही घर भेज दिया जायेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मरीजों को घर पर सात दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा।
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शनिवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना के 533 नए संक्रमित सामने आए हैं, जबकि 22 मरीजों ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया। वहीं अब तक कुल पॉजिटिव केस 17135 हो चुके हैं। 10369 ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं। शनिवार को 22 मरीज़ों की मौत हो गई । इस तरह 529 कोरोना संक्रमितों की मौत पूरे सूबे भर में अब तक हो चुकी है। अब एक्टिव केस 6237 हैं।
आज अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यूपी के सभी 75 जनपदों में रेंडम सैंपलिंग के अन्तर्गत आश्रय स्थलों, ओल्ड एज होम एवं बाल सुधार गृह में रह रहे व्यक्तियों के सैम्पल के जांच की गयी। जिसमें तीन जनपदों सुल्तानपुर, कुशीनगर, जालौन के ओल्ड एज होम में कोरोना संक्रमण पाया गया।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में से केवल दो जनपदों मेरठ, कानपुर नगर के बाल सुधार गृह में कोरोना संक्रमण के केस सामने आये हैं। उन्होंने बताया कि जिन जनपदों में संक्रमण के केस आये हैं वहां के आश्रय स्थलों में सभी की जांच करायी जायेगी।