आरयू रिपोर्टर
लखनऊ। ओझाई के चक्कर एक बाप ने अपनी 11 वर्षीय बेटी की जान ले ली। घटना के बारे में लोगों को पता चलने से पहले ही लाश घर में दफन कर फरार हो गया। संदेह के आधार मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का ताला तोड़ शव को गड्ढे से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अंधविश्वसास में हैवान बने बाप ने बेटी की कब्र के ऊपर के साथ ही अंदर भी खाने-पीने की चीजें रखी थी। दिल दहला देने वाली घटना कैसरबाग के सफदलबाग में घटी।
सफदलबाग में राजकुमार,(42) अपने छोटे भाई सुनील, संजय और मोहन व एकलौती बेटी नैन्सी,(11) के साथ रहता था। अंदररूनी चोट की वजह से नैन्सी की छह महीने से तबियत खराब चल रही थी। आज सुबह एकाएक राजकुमार अपने कमरे में ताला बंदकर कही चला गया। पहले तो घरवालों ने सोचा कि राजकुमार बेटी के साथ गया होगा, लेकिन मोहल्लेवालों ने भाई सुनील को बताया कि राजकुमार अकेले ही घर से निकला था। जिसके बाद संदेह पैदा होने पर परिजनों ने कमरे में नैन्सी को आवाज लगाई लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी।
कमरे के हालात देख लोगों की कांप गई रूह
मौके पर पहुंची पुलिस कमरे का ताला तोड़कर भीतर घुसी तो वहीं पड़ी पलंग के नीचे की मिट्टी कब्रनुमा उठी होने के साथ ही उस पर जलती अगरबत्ती, नीबू सेब अमरूद देख लोगों की रूह कांप गई। कमरे का कोना-कोना तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके के सामानों से भरा पड़ा था। जिसने भी घटना के बारे में सुना वह राजकुमार के घर की ओर दौड़ पड़ा। पुलिस ने किसी तरह से भीड़ को कमरे से बाहर निकालने के साथ ही मजिस्ट्रेट के आदेश पर मिट्टी खोदवाई तो अंदर नैन्सी की लाश के साथ ही प्लास्टिक में तैयार चाउमिन और पास में ही एक ग्लास रखा था जिसमें मिट्टी भर गई थी। घटना को लेकर मोहल्लेवाले तरह-तरह की चर्चा कर रहे है। लोग इसे दीवाली से पहले होने वाले टोटको से जोड़कर भी देख रहे थे।
घरवालों के विरोध के बाद भी नहीं कराया बेटी का ईलाज
नैन्सी के चाचा सुनील ने बताया कि कक्षा पांच में पढ़ने वाली नैन्सी बेहद हंसमुख स्वाभाव की थी। करीब छह महीने पहले उसे अंदरूनी चोट लग गई थी। जिसका इलाज नहीं कराने के चलते अंदर ही अंदर जख्म बढ़ते चले गए। नैन्सी की बिगड़ती हालत देख हम लोगों ने कई बार उसको डाक्टर को दिखाना चाहा लेकिन जिद्दी स्वाभाव के बड़े भाई ने हर बार यह कहते हुए मना कर दिया कि वह नैन्सी का उपचार खुद ही कर सकता है।
राजकुमार की ओझाई से घर के साथ ही मोहल्ले वाले भी खाते थे खौफ
अंधविश्वास से घिरे परिजनों का दावा था कि राजकुमार टोने-टोटके में काफी माहिर है। लोगों का रोजगार ठप कराने के साथ ही वह उनकी तबियत भी खराब कर देता हैं। इसी के चलते घर से लेकर मोहल्लेवालों तक कोई उसका ज्यादा विरोध करने का जोखिम नहीं लेता। छोटे भाई सुनील ने बताया कि बीती रात करीब दो बजे उसने देखा था कि राजकुमार अपने कमरे में कुछ कर रहा हैं, लेकिन उसकी पिछली हरकतों की वजह से कुछ पूछने की हिम्मत नहीं हुई। एक बार इसी सबके चलते राजकुमार ने उसके बेटे को बीमार भी कर दिया था।
तीन साल पहले टोने-टोटके के चलते हुई थी पत्नी की मौत
घरवालों ने बताया कि राजकुमार की पत्नी सुनीता की भी काफी तबियत खराब रहती थी। कई बार कहने के बाद भी उसने पत्नी का ईलाज नहीं कराया। करीब तीन साल पहले उसने उपचार के आभाव में दम तोड़ दिया और राजकुमार बस ओझाई और टोने-टोटके के चक्कर में पड़ा रहा। एसपी पश्चिम जयप्रकाश ने बताया कि राजकुमार की तलाश करने के साथ ही लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि राजकुमार ने बेटी को मार या फिर उसकी मौत बिमारी की वजह से हुई है।