आरयू ब्यूरो
लखनऊ। बीते रविवार की रात चौक थाने से चंद कदमों की दूरी पर आभूषण के थोक व्यापारी प्रवीन रस्तोगी के यहां हुई लगभग 13 करोड़ की डकैती का आज पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने घटना में शामिल दो बदमाशों के साथ ही एक अन्य बदमाश के रिश्तेदार को डकैती के जेवर रखने के आरोप में चालान कर जेल भेज दिया।
लखनऊ और रायबरेली की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस को पूछताछ में अपने पांच अन्य साथियों के नाम बताएं है। घटना में शामिल फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए फिलहाल पुलिस छापेमारी कर रही है।
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पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के पास से पौने तीन किलों सोने के आभूषण भी बरामद किए है। इसके अलावा पुलिस को घटना में प्रयुक्त बाइक भी मिल गई है। एसपी पश्चिम जय प्रकाश ने बताया मोटरसाइकिल का नंबर बदला गया है। बाइक के मालिक का भी पता लगाया जा रहा है।
एसएसपी मंजिल सैनी ने आज चौक कोतवाली में प्रेसवार्ता कर बताया कि बदमाशों का फोटों और वीडियों सोशल मीडिया पर वॉयरल होने के बाद मुखबिर ने एक बदमाश की पहचान करते हुए रायबरेली के लालगंज पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।
सूचना को संजीदगी से लेते हुए रायबरेली पुलिस ने इसकी जानकारी चौक पुलिस से को दी। जिसके बाद दोनों जिलों की संयुक्त कार्रवाई में घटना में शामिल रायबरेली जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र निवासी राज बहादुर लोध पुत्र बिहारी लोध व हरि विलास सिंह पुत्र हरि गोपाल सिंह को लूटे गए आभूषणों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
इसके साथ ही घटना में शामिल फरार चल रहे सीतापुर के सिधौली निवासी राहुल दीक्षित के कमलापुर निवासी साले मनीष अवस्थी को भी गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी ने बताया कि मनीष घटना में शामिल नहीं था, लेकिन उसके पास से डकैती का 1600 ग्राम सोने के आभूषण मिले हैं। बरामद गहने उसके जीजा राहुल ने रखने को दिए थे।
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इस सनसनीखेज घटना का चौका देने वाला पहलु रहा कि घटना को अंजाम दिलवाने का तानाबाना किसी और ने नहीं बल्कि मुकुन्द ज्वैलर्स के मालिक प्रवीन रस्तोगी के ही एक परिचित व्यापारी ने बुना था। एसएसपी ने बताया कि व्यापारी का प्रवीन रस्तोगी के यहां आना जाना था।
हालांकि इतना कुछ बताने के बाद भी पुलिस ने फिलहाल व्यापारी का नाम खोलने से मना कर दिया है। एसएसपी का कहना था कि साक्षों के साथ जल्द ही व्यापारी आपके सामने होगा।
चुनौतियां अभी और भी हैं
पिता-पुत्र को घायल कर शहर की सबसे बड़ी डकैती का खुलासा करने के बाद राजधानी पुलिस ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है। हालांकि अभी उसके सामने घटना के मास्टर माइंड समेत फरार चल रहे पांच अन्य बदमशों को दबोचने के साथ ही घटना में इस्तेमाल असलहे और लूटी गई करोड़ रुपए की ज्वेलरी और नकदी बरामद करने की चुनौती है।
डकैती के मास्टर माइंड समेत पुलिस को इनकी है तलाश
एसएसपी ने बताया कि घटना का मास्टर माइंड अमेठी जनपद के शाहमऊ मोहनगंज निवासी राम तीरथ शुक्ला का पुत्र विकास शुक्ला उर्फ विनय शुक्ला है। विनय न सिर्फ शातिर अपराधी है बल्कि हिस्ट्रीशीटर होने के साथ ही संगठित गैंग चलाता है। पुलिस को विनय के साथ ही राहुल दीक्षित, भवानी गंज अमेठी निवासी अभय सिंह, शिवरतनगंज के शानू के साथ ही सोनू सिंह की तलाश है।
यह है गैंग की मॉडस ऑपरेंडी
एसएसपी के अनुसार विकास शुक्ला का गैंग पहले बड़े टारगेट को चिन्हित कर उसकी रैकी करता है। मौका मिलते ही गैंग के सदस्य अपने शिकार पर धावा बोल देते। आक्रमक तरीके से घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की कोशिश रहती है कि व्यक्ति को कम से कम नुकसान पहुंचाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा आभूषण नकदी समेट लें। पुलिस के शक और रिकवरी से बचने के लिए बदमाश पुराने मामले में खुद ही जेल चले जाते हैं।
जून में नीलम ज्वेलर्स के यहां भी डाली थी डकैती
पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में सामने आया कि विकास के ही गैंग सात सदस्यों ने पिछले साल 12 जून को गाजीपुर इलाके के मुलायम नगर (इस्माइलगंज) में नीलम ज्वेलर्स के यहां भी दिनदहाड़े ढाई लाख की डकैती डाली थी।
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राजेश रस्तोगी के यहां हुई डकैती का आज चौक कोतवाली में वीडियों दिखाने पर बदमाश ने दो साथियों की पहचान करते हुए इसकी पुष्टि की। इस दौरान घटना के खुलासे की उम्मीद छोड़ चुके राजेश भी कोतवाली में मौजूद रहे। राजेश रस्तोगी ने उम्मीद जताई है कि पुलिस अब उनके यहां से गए गहनों को भी बदमाशों से रिकवर करेगी।
घटना के खुलासे में इनका रहा अहम योगदान
इंस्पेक्टर चौक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर लालगंज (रायबरेली) धनंजय सिंह, एसआई पंकज सिंह, अक्षय सिंह, अमरजीत सिंह, अंजनी कुमार, अमरेश त्रिपाठी, उदय सिंह, फजलुर्रहमान, बृजपाल सिंह आदि। टीम का मॉनीटिरिंग आईजी ए सतीश गणेश के साथ ही एसएसपी, एसपी पश्चिम और एसपी क्राइम ने की।