आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पुराने लखनऊ के वजीरगंज इलाके में स्थित 165 साल पुराने रिफा-ए-आम क्लब को आज लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अवैध दुकान-झुग्गियों के कब्जों से मुक्त कराया है। सात जेसीबी व भारी दलबल के साथ सुबह ही पहुंची एलडीए अफसर-इंजीनियरों की टीम ने क्लब परिसर से सटी टीनशेड में चल रहीं दर्जनों दुकानों व झुग्गियों पर जेसीबी चलाते हुए रात तक कार्रवाई पूरी कर क्लब के साथ-साथ करीब दो लाख वर्ग फिट जमीन भी खाली करा ली।
इस दौरान कुछ लोगों ने ध्वस्तीकरण रोकने की भी कोशिश की, हालांकि भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में उनकी आज एक नहीं चली। दूसरी ओर आशियाने टूटता और गृहस्थी उजड़ती देख खासकर महिलाएं व बच्चों की आंखों में आंसू छलक पड़े।
ब्रीटिश काल में बनें ऐतिहासिक क्लब को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के बाद एलडीए इसको संवारने के नाम पर कम से कम अवस्थापना के पांच करोड़ रुपये खर्च कर सिविल, हॉर्टीकल्चर व लाइटिंग के काम कराएगा। जिसके बाद कुछ सालों से एलडीए की कार्यप्रणाली में अलग ही छाप छोड़ रहे पीपीपी मॉडल के तहत एक प्राइवेट कंपनी को प्राधिकरण के अफसर-इंजीनियर छांटकर 1860 में बना क्लब संचालित करने के लिए उसे सौंप देंगे।
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वहीं आज की कार्रवाई के बाद एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने मीडिया को बताया कि रिफा-ए-आम क्लब के चारों ओर बाउन्ड्रीवॉल बनवाकर परिसर को सुरक्षित किया जाएगा। क्लब में सिविल, हॉर्टीकल्चर व लाइटिंग आदि के विभिन्न कार्य कराये जाएंगे। जिसके बाद शहरवासी यहां मैरिज हॉल, कैफेटेरिया आदि की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
दर्जनभर परिवारों को मिला प्रधानमंत्री आवास
वहीं कार्रवाई का सुबह से रात तक नेतृत्व कर अहम भूमिका निभाने वाले अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि मौके पर 22 दुकानें कब्जा मुक्त करायी गयीं। इसके अलावा झुग्गी, टीनशेड डालकर संचालित किये जा रहे वर्कशॉप, फर्नीचर व कबाड़ आदि की दुकानों को तोड़ा गया। करीब दर्जनभर लोग क्लब के अंदर भी अवैध रूप से टेंट लगाकर निवास कर रहे थे, जिन्हें विस्थापन नीति के तहत बसंतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास आवंटित करते हुए वाहनों से परिवार समेत शिफ्ट कराया गया।
बनने लगी बाउन्ड्रीवॉल
अपर सचिव ने बताया कि क्लब के बाहरी क्षेत्र में सड़कों व पाथ-वे का निर्माण, हॉर्टीकल्चर व लाइटिंग आदि के कार्य कराये जाएंगे। इससे शहर वासियों को यहां मैरिज लॉन, कैफेटेरिया व स्पोर्ट्स आदि की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। फिलहाल परिसर को सुरक्षित करने के लिए रेडिमेड बाउन्ड्रीवॉल लगाई जा रही है।
कई बार फेल हो चुके प्राधिकरण ने अपनाया अकबरनगर वाला पैंतरा
बताते चले रिफा-ए-आम क्लब खाली कराने एलडीए कुछ सालों में करीब एक दर्जन बार कोशिश कर चुका था, लेकिन हर बार उसके अफसरों को खाली हाथ ही लौटना पड़ता था। पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए इस बार प्राधिकरण ने अकबर नगर में जैसी कार्रवाई करते हुए सफलता पायी थीं, उसी तरह यहां भी तैयारी की थीं। आज अवैध कब्जों को ध्वस्त करने के साथ ही कब्जेदारों के सामानों को न सिर्फ मौके से हटाया गया, बल्कि अंदर रह रहे एक दर्जन से ज्यादा परिवारों को उनके सामान समेत बसंतकुंज स्थित प्रधानमंत्री आवासों में शिफ्ट भी कर दिया गया। इन सबके बाद भी दोबारा कब्जा होने की आशंका को देखते हुए तत्काल ही क्लब की टूटी बाउंड्रीवाल बनवाना शुरू करा दिया गया।
41 साल पहले खत्म हो गयी थीं लीज
एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि दो लाख 18 हजार वर्ग फिट में बनें रिफा-ए-आम क्लब नजूल की प्रापर्टी है। साल 1886 में क्लब को 99 साल की लीज पर आवंटित किया गया था। जिसकी लीज 1985 में समाप्त होने पर इसे लखनऊ विकास प्राधिकरण को हैंडओवर कर दिया गया था।
25 अगस्त तक हटाना था अवैध कब्जा
सचिव ने बताया क्लब काफी पुराना है और वर्तमान में भवन का काफी हिस्सा जर्जर हो चुका है। पूर्व में उपाध्यक्ष द्वारा क्लब का निरीक्षण करके अवैध कब्जों को खाली कराकर विकास कार्यों के दृष्टिगत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये थे। इसी क्रम में क्लब में अवैध रूप से कब्जा कर निवास कर रहे परिवारों व अवैध दुकानदारों को 25 अगस्त, 2025 तक जगह खाली करने का समय दिया गया था। मंगलवार को समय-सीमा समाप्त होने पर एलडीए के दस्ते ने रिफा-ए-आम में आज अभियान चलाया।
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में मौके पर पहुंची नजूल, अर्जन व अभियंत्रण अनुभाग की संयुक्त टीम ने अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस बीच कुछ अवैध अध्यासियों व दुकानदारों ने विरोध करते हुए कार्रवाई रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल के सहयोग से कार्रवाई पूरी की गयी।
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ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान नजूल अधिकारी प्रभाकर सिंह, अधिक्षण अभियंता संजीव कुमार गुप्ता, उप सचिव माधवेश कुमार, जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी, ईई मनोज सागर व तहसीलदार हेमचन्द्र तिवारी समेत अन्य इंजीनियर व कर्मी मौजूद रहें।