आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार लगातार संकटों से घिरती जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद मंगलावार उनके वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी राज्यपाल को अपना इस्तीफे भेज दिए। इसमें छह मंत्री भी शामिल हैं।
राजभवन के सूत्रों ने भाषा को यह जानकारी दी। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें दो ईमेल के जरिए 14 विधायकों के इस्तीफे मिले हैं।’ इन विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार का गिरना तय हो गया है।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट के दौर से गुजर रही है। सिंधिया के समर्थक विधायकों के सोमवार को लापता होने के बाद से संकट और गहरा गया था। सिंधिया ने मंगलवार को अपनी आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने इस इस्तीफे में कहा है कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं और बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे।
‘सिंधिया को निष्कासित किया गया’
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।’
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद 19 कांग्रेस विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया। इसमें मध्य प्रदेश के 6 राज्य मंत्री भी शामिल हैं जो फिलहाल बेंगलुरु में हैं। pic.twitter.com/KQmF5h4m26
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 10, 2020