जानलेवा लापरवाही: गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्‍चों की मौत से कोहराम

जानलेवा लापरवाही
मासूम की मौत के बाद शव ले जाते कलपते परिजन।

आरयू वेब टीम।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के चुनावी क्षेत्र गोरखपुर से आज दिल को दहला देने वाली खबर आई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आईसीयू और इंसेफलाइटिस के मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड में आक्सीजन सप्लाई ठप होने से 30 मरीजों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर बच्‍चे हैं।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के आईसीयू और दूसरे वार्डों में बीती रात करीब 11:30 बजे से ही ऑक्सीजन सप्लाई में गड़बड़ी हो रही थी। जो आज सुबह 9 बजे तक लगातार रुकती रही। कई घंटे तक लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई न मिलने से 30 जानें चली गईं। मरीजों की ऐसी हालत देख परिजनों में कोहराम मच गया।

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अस्‍पताल प्रशासन बना रहा लापरवाह

दो दिन पहले से ही ऑक्सीजन के संकट की बात अस्‍पताल के सामने थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। वहीं बीती रात को सेंटर पाइप लाइन ऑपरेटर ने प्रिंसिपल एसआईसी,एचओडी एनेस्थिसिया, इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोडल अधिकारी को पत्र के जरिए दोबारा लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई का स्टॉक बेहद कम होने की जानकारी दी। इन सब जानकारियों और ऑक्सीजन सप्लाई रूकने की बात पहले से पता चल जाने के बावजूद इसकी पूर्ति प्रॉपर की जाए इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई। जिसका खामियाजा 30 मरीजों को अपनी जान गवां कर चुकाना पड़ा।

फर्म के अधिकारी और कॉलेज प्रशासन एक दूसरे को ठहरा रहे जिम्‍मेदार

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो वर्ष पूर्व लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट लगाया गया। इसके जरिए वार्ड 6, 10, 12, 14 और 100 बेड इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों को ऑक्सीजन दी जाती है। जहां एक ओर कॉलेज प्रशासन इन मौतों का जिम्‍मेदार फर्म को ठहरा रहा है तो वहीं दूसरी ओर ऑक्‍सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के अधिकारी दिपांकर शर्मा ने करीब 64 लाख रुपय बकाया होने पर आपूर्ति ठप करने की सूचना दो दिन पहले प्रिंसिपल को देने की बात कही है। कॉलेज के जिम्‍मेदार ने इतने गंभीर विषय पर अपने कान बंद कर रखे थे।

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बता दें कि मेडिकल कॉलेज में बीती रात आठ बजे इंसेफलाइटिस वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर से की जा रही सप्लाई रुकी तो इसे लिक्वड आक्सीजन से जोड़ा गया, जो करीब 11 बजे खत्म हो गई। इसके बाद 1:30 तक सप्लाई ठप रही मरीजो की गंभीर हालत को देखते हुए मरीजों को अंबू बैग से ऑक्‍सीजन दी गई। कुछ ही देर में सिलेंडर आक्सीजन की गाड़ी आई तो सप्लाई शुरु हुई ये सुबह फिर खत्म हो गई।

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