गजब! करोड़ों की लागत वाले कैमरें नहीं कर रहे थे रिकार्डिंग, LDA वीसी ने कहा होगी कार्रवाई

सीसीटीवी कैमरा
एलडीए कार्यालय में लगा सीसीटीवी कैमरा।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। योगी सरकार की बदलाव वाली बयार के बाद भी एलडीए में जुगाड़ से जमे इंजीनियरों का नया कारनामा अब खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष की जांच में सामने आया है। एलडीए मुख्‍यालय की नई बिल्डिंग में गुरुवार को टेंडर को लेकर ठेकेदारों की भिडंत और असलहा लहराने की घटना को गंभीरता से लेते हुए एलडीए वीसी ने मामले की वास्‍तविकता जाननी चाही तो करीब दो करोड़ रुपए की लागत से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के रिकार्डिंग में अक्षम होने की जानकारी से खुद विभाग के मुखिया भी चौंक गए।

वीसी ने पूरा खेल समझते हुए इंजीनियरों से दो टुक कहा कि आप लोगों ने कैमरों को सफेद हाथी बना रखा है। ठेकेदारों पर सरकारी कार्य में बाधा और तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज कराने के बाद अब मामले की गंभीरता को देखते हुए एलडीए उपाध्‍यक्ष ने दोषी इंजीनियरों समेत सीसीटीवी कैमरा लगाने वाली एजेंसी पर भी कार्रवाई का मन बना लिया है।

सर्वर रूम को ताला लगाकर गायब था प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी

बताया जाता है कि चौथी मंजिल के बाद विभाग के मुखिया सातवीं मंजिल पर बने सर्वर रूम की हकीकत परखने पहुंचे तो वहां उन्‍हें ताला बंद मिला। पूछने पर साथ चल रहे इंजीनियरों ने बताया कि चाभी सीसीटीवी कैमरा लगाने वाली कंपनी के कर्मचारी के पास हैं इस पर वीसी ने इंजीनियरों की क्‍लॉस लगाई।

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इंजीनियरों के फोन पर बाद में पहुंचे प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि स्क्यिोरिटी मनी वापस नहीं मिलने पर उसने सर्वर रूम को एलडीए के हवाले नहीं किया है। कर्मचारी के जवाब के बाद वीसी भी भांप गए कि किस तरह से इंजीनियरों ने एक सरकारी कार्यालय को अपनी ऊंगलियों पर नचा रखा है।

कहा जा रहा है कि पूरा मामला समझने के बाद वीसी ने तत्‍काल दोषी इंजीनियरों के खिलाफ बैड इंट्री की कार्रवाई और कंपनी की स्क्यिोरिटी मनी जब्‍त करने की बात कही थी। हालांकि अभी इस बारे में वीसी ने पुष्टि नहीं की है। एलडीए उपाध्‍यक्ष ने पूछे जाने पर बताया कि आज रेरा की वर्कशॉप में व्‍यस्‍ता के चलते मामले से जुड़ी फाइल नहीं देख पाया। अगले वर्किंग डे पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

पिछली बार तो वीसी को भ्रमित कर बच गए थे इंजीनियर

यहां बताते चले कि महिला वॉशरूम के बाहर तीन सीसीटीवी कैमरें लगे होने की जानकारी पर ‘राजधानी अपडेट’ ने खुलासा किया था कि किस तरह से कैमरा लगाने से लेकर डिपार्टंमेंट का हार्ट कहे जाने वाले सर्वर रूम के रख रखाव में इंजीनियरों ने धांधली मचा रखी है। जिसपर सीसीटीवी कैमरा लगवाने वाली टीम के जेई प्रमोद तिवारी ने मीडिया को तर्क दिया था कि महिला वॉशरूम में कोई जेंटस न घुसे इसलिए कैमरें वॉशरूम के दरवाजे के पास लगवाए गए है। वहीं सर्वर रूम की चाभी प्राइवेट कंपनी को देने के लिए जेई ने अधिशासी अभियंता अवधेश तिवारी को जिम्‍मेदार बताया था।

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मामला उछलने के बाद पॉवर एंजेल की सुमन रावत ने भी अपने साथियों के साथ एलडीए उपाध्‍यक्ष से मिलकर वॉशरूम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों पर आपत्ति जताई थी। जिस पर प्रभुएन सिंह ने नायाब तहसीलदार स्निग्‍धा चतुर्वेदी से मामले की तत्‍काल जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। नायाब तहसीलदार सर्वर रूम तक पहुंचती इससे पहले ही पुरुषों को महिला वॉशरूम में घुसने पर निगाह रखने के लिए कैमरे लगाने का तर्क देने वाले इंजीनियर ने उसका एंगल ही चेंज करा दिया। समझा जाता है कि यही वजह रही कि नायाब तहसीलदार ने कैमरों के रेंज से वॉशरूम को बाहर बताते हुए अपनी रिपोर्ट उपाध्‍यक्ष को सौंप दी। इसके बाद मामले को ठंडे बस्‍ते में डाल दिया गया।

इंजीनियर का कमीशन था एलडीए में घमासान की वजह!

एलडीए के जानकार बताते है कि गुरुवार को ठेकेदारों के गुटों के आपस में भिड़ने की वजह काम के एवज में इंजीनियरों को मिलने वाला फिक्‍स कमीशन था। एक ठेकेदार ने प्रायोजित ठेके से पहले गोमतीनगर की सड़क निर्माण के एवज में अपने कमरे में दरबार लगाने के लिए पहचाने जाने वाले एक इंजीनियर को कमीशन दे दिया था। जिसके बाद दूसरे ठेकेदार ने भी ठेका लेना चाहा तो दोनों गुट आपस में भिड़ गए।

उल्‍लेखनीय है कि इस तरह के आरोप एलडीए इंजीनियरों पर लंबे समय से लगते रहें हैं, लेकिन कभी एलडीए के किसी वीसी ने इसपर लगाम कसने की फूलप्रूफ प्‍लानिंग नहीं की। यही वजह है कि एलडीए में अब आए दिन ठेकेदार वर्चस्‍व के लिए एक दूसरे पर हावी होने में लगे रहते है। हालात नहीं सुधारे गए तो किसी दिन किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि वर्तमान एलडीए के मुखिया की कार्यप्रणाली को देखते हुए लोग उनसे जरूर सुधार की उम्‍मीद जता रहे है।

एलडीए ने दर्ज कराया ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा

वीसी के निर्देश के बाद जेई नवीन शर्मा की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में ठेकेदार बृजेश सिंह, सूरज सिंह, गोविंद राणा, गौरव सेंगर व उसके भाई समेत अन्‍य अज्ञात लोगों के खिलाफ भदवि की धारा 332 व 353 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करने की बात से अनभिज्ञता जताते हुए एसओ गोमतीनगर ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, एलडीए की ओर से घटनास्‍थल के फुटेज उपलब्‍ध कराने की बात कही गई है। जिसके बाद दबंगों की सही संख्‍या और पहचान आसान हो जाएगी।

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