अवैध निर्माण की ठेकेदारी व IGRS फर्जी निस्‍तारण मामले में LDA इंजीनियर की जांच शुरू, CM तक पहुंची थी शिकायत

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जगह प्रवर्तन में तैनात इंजीनियर, कर्मचारी व अधिकारी पर अपने फायदा के लिए उन पर बढ़ावा देने के आरोप आए दिन लगते रहते हैं। कुछ ऐसा ही आरोप एलडीए के एक इंजीनियर पर लगा है। प्रवर्तन जोन तीन में तैनात अवर अभियंता पर न सिर्फ अवैध निर्माण कराने, बल्कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) पर उनकी शिकायतों के फर्जी ढ़ग से निस्‍तारण का भी मामला सामने आया है।

भ्रष्‍टाचार के मामले को एक बार फिर गंभीरता से लेते हुए एलडीए उपाध्‍यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने जेई के कारनामों की जांच के लिए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्‍यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी तीन दिन में जांच व मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। जांच कमेटी गठित करने के साथ ही आज इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि आरोप सही मिलने पर अवर अभियंता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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बताया जा रहा है कि पार्क रोड (हजरतगंज) निवासी अनिल सिंह ने प्रवर्तन जोन तीन में तैनात अवर अभियंता जितेंद्र कुमार व सुपरवाइजर पर आरोप लगाया है कि दोनों जोन तीन के क्षेत्रों में प्‍लॉट मालिकों से साठगाठ कर वसूली के लिए अवैध निर्माण करा रहें हैं। अनिल कुमार ने मुख्‍यमंत्री के यहां दिए गए अपने शिकायती पत्र में कहा है कि उनके द्वारा अवैध निर्माणों के बारे में आइजीआरएस के माध्यम से एलडीए से सूचना मांगी गयी थी, लेकिन अवर अभियंता जितेंद्र कुमार ने गलत सूचना देकर आइजीआरएस का फर्जी निस्तारण कर दिया।

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वहीं विशेष सचिव मुख्‍यमंत्री से मार्क होकर आज एलडीए पहुंची इस शिकायत पर एलडीए उपाध्‍यक्ष ने आइजीआरएस संदर्भों के फर्जी निस्तारण और जेई जितेंद्र कुमार के क्षेत्र पारा व अन्‍य इलाकों में हो रहे अवैध निर्माणों की जांच करने के लिए अपर सचिव की अध्यक्षता में ओएसडी अरूण कुमार सिंह व एई अजय गोयल की कमेटी गठित की है। कमेटी को मामले की जांच पूरी कर वीसी को तीन दिन में रिपोर्ट देनी है। जिसके बाद उपाध्‍यक्ष इंजीनियर पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

जेई पर वसूली के लिए खुद ही आइजीआरएस कराने का भी लग चुका आरोप

बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं है, जब जेई जितेंद्र कुमार पर अवैध निर्माण की ठेकेदारी का आरोप लगा है। इससे पहले जोन तीन के साथ ही प्रवर्तन जोन एक में तैनात रहने पर भी उनपर न सिर्फ अवैध निर्माण कराने के एवज में धन उगाही के अरोप लगें हैं, बल्कि किसी निर्माणकर्ता से वसूली में पैरवी की बाधा आने पर खुद ही उसके खिलाफ आइजीआरएस कराने की बात भी सामने आयी है।

मोबाइल नंबर से खुला था राज

सूत्रों की मानें तो बरेली जनपद निवासी जितेंद्र कुमार से एलडीए के ही कर्मी ने एक निर्माण पर कार्रवाई नहीं करने की पैरवी की थी। वसूली के रास्‍ते बंद होते देख जेई ने खुद ही उक्‍त निर्माण के खिलाफ आइजीआरएस के जरिए लंबी-चौड़ी शिकायत करा दी थी। ए. रस्‍तोगी के नाम से की गयी इस शिकायत से परेशान निर्माणकर्ता ने ए रस्‍तोगी से संपर्क करना चाहा तो बात नहीं हो सकी। जिसके बाद मुलाकात के लिए उसने किसी तरह से मोबाइल नंबर के एड्रेस का पता कराया तो यह जितेंद्र कुमार के बरेली स्थित एक भवन का निकला। मामला खुलने पर एलडीए कर्मी ने जेई की इस हरकत के लिए उससे नाराजगी भी जाहिर की थी। जिसके बाद किसी तरह निर्माण पूरा हो सका था।

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