गली में तन गया सात मंजिला अवैध अपार्टमेंट, फ्लैट भी बिके, तब आई LDA को सीलिंग की याद, “जनता पर गर्म, अपनों पर करम” वाली कार्रवाई से उठे सवाल

अवैध अपार्टमेंट
अपार्टमेंट को सील करते एलडीए कर्मी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण पर लगाम कसने से कहीं ज्‍यादा उन्‍हें छूट दिए जाने को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले एलडीए के प्रवर्तन दल का नया कारनामा सामने आया है। ठाकुरगंज क्षेत्र की मिश्री की बगिया व अहिरन खेड़ा की गलियों में पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके सात व तीन मंजिला दो अपार्टमेंट के फ्लैटों को सील करने की कार्रवाई आज एलडीए के जोन सात की ओर से की गयी है।

खास बात यह है कि अपार्टमेंट न सिर्फ पूरी तरह से बन चुके थे, बल्कि अधिकतर में लोगों ने फ्लैट खरीदकर रहना भी शुरू कर दिया था। इन अपार्टमेंट को सील कर भले ही एलडीए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जानकारी व फोटो जारी कर अपनी वाहवाही कराने की कोशिश में लगा है, लेकिन इतना बड़े अपार्टमेंट बनने के दौरान आंखे बंद किए रहने वाले इंजीनियर व कर्मचारियों से सवाल भी नहीं करना उसकी कार्रवाई की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है।

ऐसे हालात में जनता के खिलाफ एकतरफ की गयी इस कार्रवाई को लेकर काफी सवाल उठ रहें हैं। स्‍थानीय लोगों का कहना है कि दो से तीन साल की अवधि में तैयार होने वाले इन अपार्टमेंट को आज की ही तरह शुरूआत में ही सील कर एलडीए के इंजीनियर इतना बड़ा अवैध निर्माण होने से रोक सकते थे, लेकिन भ्रष्‍टाचार व लापरवाही के चलते ऐसा नहीं किया गया। अब जब जनता की संपत्ति को सील किया जा चुका है तो एलडीए के आलाधिका‍री अपने कार्यालय में बैठे इन अपार्टमेंट को संरक्षण देने वाले इंजीनियर व कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई करें, जिससे कि विभाग की छवि धूमिल करने वाले इस तरह के मामलों पर लगाम लग सके।

वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी ने गंभीरता दिखाते हुए अवैध अपार्टमेंट को बढ़ावा देने वाले अपने मातहतों पर भी कार्रवाई की बात कही है।

18 दिन में पूरी कर दी नोटिस से सीलिंग तक की कार्रवाई

विहित प्राधिकारी के कोर्ट में अवैध निर्माण पर कार्रवाई का मामला महीनों व सालों लटका रहना आम बात है, लेकिन ठाकुरगंज क्षेत्र की मिश्री की बगिया में 370 वर्ग मीटर में बने सात मंजिला अपार्टमेंट को नोटिस देने से लेकर सीलिंग तक की कार्रवाई में कुछ महीने पहले ही प्रवर्तन जोन सात का चार्ज संभालने वाले जोनल अफसर कमलजीत सिंह ने मात्र 18 दिन का समय लिया। 13 जनवरी को जहां प्रवर्तन के इंजीनियर ने नोटिस काटी वहीं आज इसे सील भी कर दिया गया। इस बीच नोटिस से लेकर सुनवाई व सीलिंग आदेश भी जारी किया गया। 15 फ्लैट के इस अपार्टमेंट के 11 फ्लैट में लोग रह भी रहें हैं।

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इससे भी तेज कार्रवाई जोनल अफसर ने अहिरन खेड़ा के तीन मंजिला अवैध अपार्टमेंट पर करते हुए उसे आज सील करा दिया है। दो सौ वर्गमीटर पर बने इस अपार्टमेंट को बीती 28 जनवरी को ही पहली नोटिस दी गयी थी। अब तक इसकी ओर से भी एलडीए के प्रवर्तन दल में तैनात इंजीनियर व कर्मचारी अपनी आंखें मूंदें थे।

साल भर से क्षेत्र देख रहे थे एई, आज की कार्रवाई

खास बात यह भी है कि दोनों ही अपार्टमेंट को आज सील करने वाले सहायक अभियंता राजेश तोमर करीब सालभर से जोन सात में ही तैनात हैं, लेकिन इसके बाद भी वह अपार्टमेंट को पहले क्‍यों नहीं देख सके इसका जवाब उनके पास नहीं था।

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वहीं ठाकुरगंज की स्‍थानीय जनता का आरोप है कि अब भी  तमाम गलियों व अन्‍य जगाहों पर अवैध निर्माण चल रहें हैं, एलडीए ईमानदारी दिखाते हुए उन पर कार्रवाई करे तो आने वाले दिनों में ऐसी नौबत ही नहीं आएगी।

बताते चलें कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। पूर्व में एलडीए की पक्षपातपूर्ण ढ़ग से की गयी कार्रवाईयां सामने आने के बाद तत्‍कालीन कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने खुद हस्‍ताक्षेप करते हुए तत्‍कालीन वीसी शिवाकांत द्विवेदी को पत्र लिखकर निर्देश दिया था अवैध निर्माण कराने वालों के साथ ही संबंधित इंजीनियर व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए। इसके कुछ समय बाद तक मामला ठीक चला उसके बाद एक बार फिर से एलडीए के प्रवर्तन दल की ओर से “पिक एंड चूज” वाली कार्रवाई तेजी से होती नजर आ रही है।

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अवैध निर्माण करने या फिर कराने की किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी। मामले संज्ञान में आया है तो जांच कराने के बाद संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए जल्‍द ही उन पर भी कार्रवाई होगी।  अक्षय त्रिपाठी, एलडीए उपाध्‍यक्ष