LDA के सातों जोन से एक झटके में हटे सभी सुपरवाइजर-मेट, वीसी की कार्रवाई से अवैध निर्माण की ठेकेदारी में लिप्‍त इंजीनियर-अफसरों में भी हड़कंप

एलडीए के सुपरवाइजर
अफसरों को निर्देश देते इंद्रमणि त्रिपाठी साथ में सचिव व अपर सचिव।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की सबसे ज्‍यादा बदनामी कराने वाली अवैध निर्माण की समस्‍या को नियंत्रित करने के लिए एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने आज एक बड़ा कदम उठाया है। रोकने की जगह अवैध निर्माण कराने की लगातार शिकायतें मिलने व वसूली के मामले सामने आने के बाद उपाध्‍यक्ष ने प्रवर्तन के सातों जोन में तैनात सभी सुपरवाइजर, मेट, बेलदार व अन्‍य को एक झटके में हटा दिया है। वीसी की इस कार्रवाई से फिल्‍ड में तैनात सुपरवाइजरों व अन्‍य के अलावा इनको अर्निंग हैंड की तरह इस्‍तेमाल कर अवैध निर्माण कराने का ठेका लेने में माहिर प्रवर्तन के कुछ इंजीनियर व अफसरों में भी हड़कंप मच गया है।

यह भी पढ़ें- एलडीए के समाधान दिवस में बुजुर्ग की फरियाद, वसूली कर घर के बगल में इंजीनियर करा रहें अवैध निर्माण, दीवारों में आई दरार

प्रवर्तन के कामों की समीक्षा बैठक के दौरान मंगलवार को इंद्रमणि त्रिपाठी ने करीब 40 सुपरवाइजर-बेलदार व अन्‍य कर्मियों को न सिर्फ हटाने का आदेश जारी किया, बल्कि हर जोन में सुपरवाइजरों की जगह तीन-तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात किए जाने का निर्देश भी दिया। हालांकि, ये कर्मी सुपरवाइजर-मेट की तरह अवैध निर्माणकर्ता से घुल-मिल नहीं सकेंगे, इनका काम सिर्फ नोटिस तामील कराने तक ही सीमित होगा।

किसी चुनौती से कम नहीं सुपरवाइजर को सचमुच फील्‍ड से हटाना !

वहीं हटाए गए सुपरवाइजर, मेट व चौकीदारों को पार्कों व अन्‍य जगाहों पर तैनात कर काम लिया जाएगा। जिससे कि यह पहले की तरह फील्‍ड में घूमकर अवैध निर्माण को किसी तरह से बढ़ावा न दे सकें, हालांकि पिछला रिकॉर्ड देखा जाए तो जूनियर इंजीनियरों के साथ कदमताल करने व कुछ जोनल अफसरों का संरक्षण पाने वाले कई सुपरवाइजर वसूली व अन्‍य आरोपों के तहत निलंबित तक किए जाने के बाद भी अधिकारियों के आदेश को ठेंगे पर रखते हुए शहर में अवैध निर्माण कराने में लिप्‍त पाए जाते रहें हैं। ऐसे हालात में सालों व दशकों से प्रवर्तन में जमे इन सुपरवाइजर, मेट, चौकीदार व अन्‍य को अवैध निर्माण की ठेकेदारी से दूर रखना उपाध्‍यक्ष के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। विभाग के मुखिया के लिए ये काम और भी मुश्किल तब होगा जब इंजीनियर व जोनल अफसर को इनका संरक्षण मिलेगा, हालांकि वीसी के सख्‍त तेवरों के बाद भी हटाए गए सुपरवाइजरों को संरक्षण कौन देगा अभी इस बारे में कहना जल्‍दबाजी भी होगी।

यह भी पढ़ें- प्रवर्तन से हटाए जाने के बाद भी अवैध निर्माण के नाम पर वसूली करने वाला एलडीए कर्मी आखिरकार हुआ निलंबित, अपने विभाग को ही भेज चुका था ली‍गल नोटिस

बहाना बना, नहीं बच सकेंगे इंजीनियर

वहीं सुपरवाइजर व अन्‍य कर्मियों को अवैध निर्माण की निगरानी के काम से हटाने के बाद वीसी ने आज प्रवर्तन के जेई व एई की जिम्‍मेदारी भी बढ़ा दी है। उपाध्‍यक्ष ने साफ तौर पर बैठक में निर्देश देते हुए कहा है कि अवैध निर्माण को रोकने व निगरानी की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रवर्तन में तैनात इंजीनियरों की होगी। अवैध निर्माण कराने में किसी की भी संलिप्‍ता सामने आने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में कोई अवैध निर्माण होता मिलने पर इंजीनियर यह कहकर नहीं बच सकेंगे की सुपरवाइजर ने इसके बारे में उन्‍हें जानकारी ही नहीं दी थी।

यह भी पढ़ें- हजारों वर्ग फिट में फैले अवैध निर्माण को फीनिशिंग के बाद सील करने पहुंचे LDA के इंजीनियर, फोटो भी खिचवाई

फील्‍ड में उतरे सभी जोनल अफसर

बैठक में आज इंद्रमणि त्रिपाठी ने उन जोनल अफसरों को भी काम में सुधार लाने का निर्देश दिया जो सिर्फ ऑफिस में बैठकर अवैध निर्माण पर लगाम लगाने की बात कर रहें हैं। वीसी ने सभी जोनल अफसरों को फील्‍ड में उतर खासकर अवैध प्‍लॉटिंग के खिलाफ महाअभियान चलाने का निर्देश दिया है।

15 दिन बाद होती मिली अवैध प्‍लॉटिंग तो…

उपाध्‍यक्ष ने जोनल अफसरों समय देते हुए कहा कि 15 दिन के अंदर सभी चिन्हित अवैध प्‍लॉटिंग को ध्‍वस्‍त कराएं। साथ ही चेतावनी देते हु कहा कि 15 दिन बाद ध्‍वस्‍तीकरण की फिर से समीक्षा की जाएगी जिसमें कहीं भी अवैध प्‍लॉटिंग होती मिली तो जोनल अफसर की  जवाबदेही तय कर उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शमन मानचित्र के लिए लगेगा स्‍पेशल कैंप

बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने शमन मानचित्रों के निस्तारण के लिए स्‍पेशल कैंप लगाने के निर्देश दिये। इसके अंतर्गत एक से 15 सितंबर तक प्राधिकरण भवन में विशेष शमन मानचित्र शिविर लगाया जाएगा। इसमें मानचित्र सेल के सभी अधिकारी-कर्मचारी एक ही पटल पर शमन मानचित्रों का निस्तारण कराएंगे।

अब अनियोजित क्षेत्र में भी पास हो सकेगा नक्‍शा

उपाध्यक्ष ने कहा कि इस कैंप में अनियोजित क्षेत्र के नौ मीटर, 12 मीटर, 18 मीटर व इससे ज्‍यादा चौड़ी रोड पर बनें भवनों के भी मानचित्र पास किए जाएंगे। इसके लिए उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे मुख्य मार्गों को चिन्हित करें, जिससे कि कार्यवाही में आसानी हो।

कोर्ट और फील्‍ड के काम में अब नजर आ सकेगा फर्क

वही कागजी व मौके की कार्यवाही में पादर्शिता लाने के लिए भी वीसी ने आज एक निर्देश जारी किया। उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि विहित प्राधिकारी न्यायालय से पारित सभी नोटिस व आदेश को एनआइसी के प्रवर्तन पोर्टल पर 11 सितंबर तक अपलोड कराएं। इसके साथ ही इंद्रमणि त्रिपाठी ने यह भी निर्देश दिया कि सभी जोनल अधिकारियों को 11 सितंबर तक इस बारे में सौ प्रतिशत कार्यवाही करते हुए सर्टिफिकेट भी जारी करना होगा।

यह भी पढ़ें- गजब! चार साल से ध्‍वस्‍तीकरण आदेश दबाए थे एलडीए के इंजीनियर-अधिकारी, GIS के निवेशकों की शिकायत पर पोल खुली तो चली JCB

इस दौरान वीसी ने आइटी अनुभाग के अफसरों को भी निर्देश देते हुए कहा कि प्रवर्तन पोर्टल पर सूचना फीड करने व आदेश अपलोड करने के लिए कर्मियों को ट्रेनिंग दिलाएं।

चौकी इंचार्ज के मौके पर नहीं जाने से वीसी नाराज

वहीं आज बैठक में जोनल अधिकारियों ने वीसी को बताया कि एलडीए के चौकी इंचार्ज ध्‍वस्‍तीकरण की कार्रवाई के दौरान मौके पर नहीं जाते हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए चौकी इंचार्ज को एलडीए की चौकी से हटाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को लेटर भेजने का निर्देश दिया।

यह भी पढ़ें- एलडीए के जोनल अफसर-इंजीनियरों से बोलीं कमिश्‍नर शिकायतों का न करें इंतजार, अवैध निर्माण पर शुरूआत में कर दें कार्रवाई, रियल स्‍टेट माफियाओं के मद्दगारों को चेताया

समीक्षा बैठक में एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, जोनल अधिकारी प्रिया सिंह, अरविंद त्रिपाठी, डीके सिंह,  श्रद्धा चौधरी, देवांश त्रिवेदी, रवि नंदन सिंह के अलावा उप सचिव अतुल कृष्ण समेत प्रवर्तन के एई-जेई व अन्‍य कर्मी मौजूद रहें।