आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हजरतगंज में 440 करोड़ खर्च कर लखनऊ विकास प्राधिकरण एकीकृत मंडलीय कार्यालय बनायेगा। इसके लिए वजीर हसन रोड पर छह एकड़ जमीन चिन्हित की गयी है। यहां छह मंजिला इंटीग्रेटेड ऑफिस बनेगा, जहां 63 विभागों के कार्यालय होंगे। इसके अलावा चार मंजिला कोर्ट रूम व मल्टीलेवल पार्किंग भी बनेगी।
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में शनिवार को एलडीए में आयोजित समीक्षा बैठक में इसका प्रेजेंटेशन प्राइवेट कंपनी के लोगों ने दिया है। प्रेजेंटेशन देखने के साथ ही कमिश्नर ने एलडीए अफसरों को भविष्य में होने वाली फिजूलखर्ची के प्रति चेताते हुए निर्देश दिये कि इस बिल्डिंग को इस तरह डिजाइन किया जाए कि भविष्य में अनुरक्षण के नाम पर जनता का कम से कम पैसा खर्च हो।
एलडीए में तो पहले से चल रही अनुरक्षण वाली आंधी!
कमिश्नर ने सरकारी खजाने व अफसरों की इमेज के हित में यह निर्देश ऐसे समय पर दिया है जब एलडीए मुख्यालय की ही बिल्डिंग में करीब 40 करोड़ खर्च कर कॉरपेट कल्चर डेवलेप करने के नाम पर सालभर से भी ज्यादा समय से अनुरक्षण के काम बुलेट ट्रेन जैसी स्पीड से कराये जा रहें हैं। अनुरक्षण की इस बहुचर्चित आंधी में कुछ महीने पहले फिर से तैयार किये गये एलडीए के दोनों अपर सचिव व सीटीपी के कार्यालय समेत कई अनुभागों की भी बलि हाल ही में चढ़ चुकी है, जबकि कई जगमगा रहे अनुभागों पर अब भी खतरा मंडरा रहा है।
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वहीं अनुरक्षण के नए कामों में कमरों-केबिन की डिजाइन-साइज व फर्नीचरों में कई व्यावहारिक कमियां सामने आने पर संबंधित इंजीनियर-अधिकारियों की मंशा और क्षमता को लेकर भी प्राधिकरण में चर्चाएं तेज हो चली हैं, हालांकि मनमानी-भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ पिछली कार्रवाईयों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल कोई खुलकर बोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
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गोरखपुर-वाराणसी वाली कंपनी ही लखनऊ में भी करेगी काम
वहीं आज कमिश्नर की बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि वाराणसी व गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालय की डीपीआर बनाने वाली आर्किटेक्ट फर्म मुरालेज से ही लखनऊ एकीकृत मंडलीय कार्यालय की डीपीआर बनवायी जा रही है।
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एलडीए के अनुसार एकीकृत मंडलीय कार्यालय ग्रीन बिल्डिंग की विशेषताओं से लैस होगा। मुख्य कार्यालय छह मंजिल का होगा जिसमें बेसमेंट व दो तल पोडियम पार्किंग दी जाएगी। इसके ठीक बगल में चार मंजिला बिल्डिंग बनायी जाएगी, जिसमें कोर्ट व रिकॉर्ड रूम होंगे।
विभागों से निकलेगा निर्माण खर्च
मंडलायुक्त ने बैठक में निर्देश दिये कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय में शिफ्ट किये जाने वाले विभागों की भूमि मुद्रीकरण से भवन निर्माण का व्यय निकाला जाए।
योजनाओं में देर तो कार्रवाई के लिए रहें तैयार: विजय विश्वास
बैठक में कमिश्नर ने एलडीए की प्रस्तावित आवासीय योजनाओं वरूण विहार, नैमिष नगर, आईटी सिटी व वेलनेस सिटी की प्रगति की भी समीक्षा की। इसमें भूमि जुटाव के काम की धीमी प्रगति पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताते हुए एलडीए व तहसील के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत प्रस्तावित इन योजनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्र प्रेरणा स्थल, ग्रीन कॉरिडोर व इंटीग्रेटेड टाउनशिप समेत सभी बड़ी परियोजनाओं के कार्यों की भी समीक्षा की।
सील बिल्डिंग में हो निर्माण तो तत्काल करें ध्वस्त
इसके बाद शहर में अवैध निर्माण एवं प्लाटिंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का भी कमिशनर ने ब्योरा देखा। उन्होंने जोनल अधिकारियों को निर्देश दिये कि अवैध निर्माण सील करते समय निर्माण कार्य की फोटो, वीडियो व माप ले लें। अगर निर्माणकर्ता सीलिंग के बाद भी कोई नया निर्माण कराता है तो उसे तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किया जाए।
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बैठक में सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा एवं सी.पी. त्रिपाठी, मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, सीटीपी के.के. गौतम समेत अन्य अधिकारी व अभियंता उपस्थित रहे।




















