आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में दलित-ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन तेज कर दिया है। अभ्यर्थी लगातार ईको गार्डन में धरना दे रहे हैं। इसी क्रम में अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षण घोटाला किया गया है, जिस कारण आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गए।
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शिक्षक अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के लखनऊ स्थित माल एवेन्यू आवास का घेराव कर योगी जी पिछड़े दलित को नियुक्ति दो या मुक्ती दो, हमारी सिर्फ यही गलती हम दलित पिछड़े अभ्यर्थी जैसे नारे लगाए। साथ ही महिला अभ्यर्थियों ने ऐसे ही नारे लिखी तख्तियां ले रखीं थी। धरने में भारी संख्या में महिला व पुरुष अभ्यर्थी शामिल हुए।
हाई कोर्ट ने माना आरक्षण घोटाला, योगी सरकार ने की हीलाहवाली
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे अमरेंद्र पटेल ने मीडिया को बताया कि साल 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर पिछड़े, दलित और दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बैंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया और नियमों का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया, लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीलाहवाली करती रही और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार लापरवाही कर रही है जिस कारण से आज हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा। हमारी यही मांग है की सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारी मजबूत पैरवी करें और हमें जल्द न्याय दिलाए। इस मामले सुप्रीम कोर्ट में 25 मार्च को सुनवाई होनी है।