आरयू वेब टीम। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय के 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर बुधवार को शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि कट ऑफ 60 से 65 ही रहेगा। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद जहां 69 हजार शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। वहीं 90-97 अंक के समर्थक अभ्यर्थियों ने हर्ष का माहौल है।
साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के रूप में योग्यता प्राप्त करने के लिए लगभग 38 हजार शिक्षा मित्रों को कट-ऑफ अंकों में छूट नहीं मिलेगी, हालांकि, सभी शिक्षामित्रों को एक मौका और मिलेगा।
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती में जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह भी पढ़ें- 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती आवेदकों को झटका, हाई कोर्ट ने फार्म में त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से किया इंकार
बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला बीते दो सालों से विवादों में घिरा हुआ है, लेकिन अभी तक इन भर्तियों को पूरा नहीं किया जा सका है। पहले यह मामला परीक्षा के कट ऑफ को लेकर कोर्ट में अटका था, जिसमें छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है।
यह भी पढ़ें- SC के फैसले पर बोले शिक्षामंत्री, आदेश मिलते ही करेंगे शेष पदों की भर्ती, शिक्षामित्रों को लेकर भी कही ये बात
इसके बाद सरकार ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा कट ऑफ निर्धारित कर दी थी। इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया। लंबे समय तक कोर्ट में यह मामला रहा और अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छह मार्च को यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दिया था।